राज्य में 16 दिसंबर, 2020 से गुजरात भूमि अतिक्रमण निषेध अधिनियम लागू हो गया है. गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने इसकी जानकारी दी.
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है कि, राज्य में भू-माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए राज्य में गुजरात भूमि अतिक्रमण निषेध अधिनियम को सख्ती से लागू किया जाएगा, जिन्होंने राज्य सरकार की भूमि के साथ-साथ आम किसानों के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक ट्रस्ट और मठों की निजी भूमि पर कब्जा कर लिया है.
इस अधिनियम के तहत प्राप्त शिकायतों की व्यापक जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी. इस समिति में सात अधिकारी शामिल होंगे और इस समिति की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे.
गुजरात भूमि अतिक्रमण निषेध अधिनियम: प्रमुख विवरण
• गुजरात भूमि अतिक्रमण प्रतिबंध अधिनियम के नियम और कानून राज्य में सख्ती से लागू किए जाएंगे.
• इस अधिनियम के तहत, समिति के समक्ष प्रस्तुत जांच रिपोर्ट पर 21 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा.
• एक विशेष समिति के अलावा, छह महीने के भीतर ऐसे मामलों को निपटाने के लिए विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी.
• ये विशेष अदालतें स्वत: संज्ञान लेने के आधार पर भी ऐसे मामलों को उठाएंगी.
• यह अधिनियम सरकार के साथ-साथ निजी स्वामित्व वाली भूमि, ट्रस्टों और धार्मिक संगठनों की संपत्तियों को भी कवर करेगा.
• प्रत्येक विशेष अदालत में, एक सरकारी वकील नियुक्त किया जाएगा और ऐसे सभी मामलों का निपटान छह महीने के भीतर सुनिश्चित किया जाएगा.
• सिविल और आपराधिक अदालत की कार्यवाही का संचालन करने के लिए विशेष अदालत को सशक्त बनाया जाएगा.
महत्व
इस अधिनियम को लागू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य आम आदमी को त्वरित न्याय दिलाने में सक्षम बनाना है और दोषी भूमि माफिया को कड़ी से कड़ी सजा भी अवश्य दी जानी चाहिए.
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