स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत उत्तराखंड और हरियाणा ने 22 जून 2017 को स्वयं को देश का चौथा और पांचवां खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित किया.
यह दोनों राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल की श्रेणी में शामिल हो गए जो पहले ही खुले में शौच मुक्त राज्य घोषित हो चुके हैं. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) शुरू होने के ढ़ाई महीने के बाद ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता का दायरा 42 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया.
उत्तराखंड में 13 जिले, 95 ब्लॉक, 7256 ग्राम पंचायतें और 15751 गांव हैं, जबकि हरियाणा में 21 जिले, 124 ब्लॉक और 6083 ग्राम पंचायतें हैं. इन सभी ने क्रमश: देहरादून और चंडीगढ़ में खुद को खुले में शौच मुक्त घोषित किया.
कैसे हुई लक्ष्य प्राप्ति
• एक सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2012 तक हरियाणा के कुल 30.24 लाख ग्रामीण घरों में से 7.3 लाख घरों में शौचालय नहीं बने थे. आज इन सभी घरों में 100 प्रतिशत लक्ष्य अर्जित कर लिया गया है. यहां 7.51 लाख शौचालय बना लिए गये हैं.
• हरियाणा सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत चुनाव लड़ने के लिए शर्त रखी गयी कि वही व्यक्ति चुनाव के लिए खड़ा हो सकता है जिसके घर में शौचालय है. इसके परिणामस्वरूप एक वर्ष में 51,000 शौचालयों का निर्माण किया गया.
• स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत स्वच्छता दृष्टिकोण से सामुदायिक नेतृत्व की भागीदारी से तथा विश्व बैंक के सहयोग से यह लक्ष्य हासिल किया जा सका.
• प्रत्येक जिले में डिप्टी कमिश्नर की निगरानी में तीन से चार माह के अभियान से शौचालय निर्माण किया गया.
• जिला स्तर से लेकर गांव स्तर तक विभिन्न टीमों का निर्माण किया गया जिसमें सरकारी अधिकारी, गैर सरकारी संगठन, युवा तथा पंचायती राज व्यवस्था के अधिकारी शामिल थे.
• ग्राम स्तर पर निगरानी समिति का निर्माण किया गया ताकि गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने पर हो रही प्रगति पर निगरानी रखी जा सके.
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