उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 25 अक्टूबर 2016 को राज्य में उसकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया. हाल ही में नशे के लिये वाइटनर (सफेद इंक) को ज्यादा सूंघने से एक किशोर की मौत के बाद उच्च न्यायालय ने इस तरह का आदेश जारी किया.
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राजीव शर्मा ने राज्य सरकार को राज्य में इसकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये.
इसके अलावा, उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश जारी किया कि किशोरों की नशे के लिये खुशबूदार सामानों को सूंघने की लत को ध्यान में रखते हुए 18 साल की उम्र से कम बच्चों को आयोडेक्स तथा फेविक्विक जैसे सामान भी न बेचे जायें.
नाबालिग लड़के लड़कियों की उपस्थिति हुक्का बार में भी पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी. नशे की लत से युवा पीढ़ी और बच्चों को बचाने एवं सुधारने के लिये उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद प्रशासनिक मशीनरी और राज्य सरकार हरकत में आ गई है.

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