India’s first Electronic Bank Guarantee (e-BG): भारत की दिग्गज प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक ने भारत में पहला इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (e-BG) जारी किया है. HDFC बैंक ने इसके लिए नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (NeSL) के साथ साझेदारी की है. ऐसा करने वाला, HDFC बैंक भारत का पहला बैंक बन गया है. साथ ही बैंक आगे आने वाले समय में पूरी तरह से ई-बीजी (e-BG) प्लेटफार्म पर स्विच करेगा.
इस अवसर पर NeSL एमडी और सीईओ देबज्योति राय चौधरी ने कहा कि इसकी मदद से आमतौर पर बैंक गारंटी से जुड़े सभी पेपर आधारित दस्तावेज समाप्त हो जायेगे. जो सामूहिक रूप से बैंक और ग्राहक दोनों के लिए लाभकारी और पारदर्शी होगा. उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक NeSL पेपरलेस ईस्टैंपिंग DDE प्लेटफॉर्म का उपयोग करके यह सुविधा शुरू करने वाला पहला बैंक है.
#HDFC Bank issues India’s first Electronic Bank Guarantee in partnership with National E-Governance Services Limited.
— Ravi Prakash Kumar (@RaviPksThakur) September 12, 2022
Paper-based bank guarantees take 3-5 days to complete the process.#hdfcbank #India
क्या है इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (e-BG)?
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी, बैंक में जमा किये जाने वाले बैंक गारंटी का नया रूप है. जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में होगा, इसके लिए किसी पेपर आधारित बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी. इससे जहां पेपर वर्क घटेगा साथ ही इस प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आयेगी.
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (e-BG) की विशेषताएं:
- इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी (e-BG) को NeSL, CVC-CBI समिति और IBA के परामर्श से विकसित किया गया है. जिससे धोखाधड़ी और हेरफेर की संभावना खत्म होंगी.
- डिजिटल प्लेटफार्म: इसे NeSL पोर्टल पर जारी करने के लिए EPI पर आधारित एक डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा.
- ईस्टैंपिंग DDE प्लेटफॉर्म: इसके लिए NeSL के पेपरलेस ईस्टैंपिंग DDE प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जायेगा.
इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी के लाभ:
- समय की बचत: इलेक्ट्रॉनिक बैंक गारंटी की मदद से ग्राहक और बैंक दोनों के समय की बचत होगी. पूर्व में पेपर वर्क की प्रक्रिया में 3-5 दिन का समय लगता था. इसके आने से, कागज आधारित बैंक गारंटियों को बैंक से जाकर लाना, लाभार्थी को कुरियर, स्टाम्प लगाना आदि कार्यों से निजात मिलेगी.
- पारदर्शिता: इसके उपयोग से आने वाले समय में ग्राहकों को अपनी बैंक गारंटी सम्बन्धी डॉक्यूमेंट पहले से कही पारदर्शी होंगे.
- सुरक्षा: इस पहल से सभी प्रकार के बैंक गारंटी डॉक्यूमेंट सुरक्षित रहेंगे, जिसे हम कभी भी देख सकते है, साथ ही किसी प्रकार की धोखाधड़ी से भी बचा जा सकता है.
- डिजिटलीकरण: यह प्रक्रिया से डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा. खासकर MSMEs के लिए व्यवसाय करना और आसान होगा, जो बैंक गारंटी के प्रमुख आवेदक होते है.
NeSL के बारे में:
- NeSL भारत का पहला सूचना यूटिलिटी (Utility) है. यह दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (IBC) के तहत भारतीय दिवाला और दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के साथ पंजीकृत भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) के साथ पंजीकृत है.
- इसकी स्थापना भारत के प्रमुख बैंकों और सार्वजनिक संस्थानों द्वारा की गई है.
- यह लेनदारों और न्यायनिर्णायक प्राधिकरणों को सत्यापित जानकारी प्रदान करता है, जिसके प्रमाणीकरण की आवश्यकता नहीं है.
- NeSL मुख्य रूप से, वित्तीय या परिचालन लेनदार द्वारा प्रस्तुत, किसी भी ऋण/दावे से संबंधित जानकारी रखने वाले कानूनी साक्ष्य को एकत्र करता है.
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