केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 16 फरवरी 2021 को जल जीवन मिशन- शहरी (JJM-U) के तहत पायलट ‘पेयजल सर्वेक्षण’ शुरू किया. मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि इस सर्वेक्षण के तहत शहरों में पानी के समान वितरण, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग और जल निकायों की मात्रा और गुणवत्ता के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाएगी.
जल जीवन मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में भी हर घर नल से जल पहुंचाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाने लगा है. अगले वित्त वर्ष के लिए पेश आम बजट में इसका प्रवधान किया गया है. शहरी क्षेत्रों में उचित जल वितरण और सीवेज के जल को साफ कर पुन: उपयोग की संभावनाओं पता लगाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय एक पायलट प्रोजेक्ट लांच करेगा.
10 शहरों में यह परियोजना चलाई जाएगी
पेयजल सर्वेक्षण के पायलट प्रोजेक्ट की लांचिंग करने के बाद शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बताया कि पहले चरण में 10 प्रमुख शहरों में यह परियोजना चलाई जाएगी. इनमें आगरा, बदलापुर, भुवनेश्वर, चुरू, कोच्चि, मदुरै, पटियाला, रोहतक, सूरत और तुमकुर शामिल हैं. पायलट सर्वेक्षण के साकारात्मक नतीजों के आधार पर सर्वेक्षण का विस्तार देश के सभी 500 अमृत शहरों में किया जाएगा.
डाटा एकत्र किए जाएंगे
सर्वेक्षण में शहरी निकायों के नागरिकों और निकाय के अफसरों से पेयजल, सीवेज जल प्रबंधन, गैर प्रबंधन, गैर राजस्व जल और जल निकायों की स्थिति पर डाटा एकत्र किए जाएंगे. जल जीवन मिशन की निगरानी टेक्नोलॉजी आधारित प्लेटफार्म पर की जाएगी. लाभार्थी की निगरानी भी इसी माध्यम से की जाएगी.
तीन चरणों में बजट आवंटित
इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तीन चरणों में बजट आवंटित किया जाएगा. पहली किस्त में कुल लागत का 20 प्रतिशत दिया जाएगा, जबकि दूसरी और तीसरी किस्त समान यानी 40-40 प्रतिशत होगी.
शहरी जल जीवन मिशन का उद्देश्य
शहरी जल जीवन मिशन का उद्देश्य 4,378 शहरी निकायों के सभी परिवारों को नल से स्वच्छ पानी की सप्लाई करना है. जबकि 500 अमृत शहरों में सीवर प्रबंधन भी करना है. 500 अमृत शहरों में शहरी परिवारों के 2.68 करोड़ परिवारों को नल का पेयजल उपलब्ध कराना है, जबकि 2.6 करोड़ घरों को सीवर कनेक्शन देना है.
घरों में जलापूर्ति को मजबूत बनाने हेतु जल निकायों को नया जीवन देना है. इससे जहां लोगों को ताजा पानी मिलेगा, वहीं शहरी जल प्रबंधन को सुदृढ़ किया जा सकेगा. जल जीवन मिशन के लिए कुल प्रस्तावित लागत 2.87 लाख करोड़ रुपये है.
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