वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमा गेनीमेड के वातावरण में जलवाष्प का पहला सबूत खोजा है.
शोधकर्ताओं ने चंद्रमा की बर्फीली सतह से जल वाष्प के थर्मल पलायन की खोज की, जो गेनीमेड पर एक उच्चीकृत जल वातावरण की ओर इशारा करता है. ये शोध परिणाम नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित हुए थे.
बृहस्पति का चंद्रमा गेनीमेड हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा और नौवां सबसे बड़ा खगोलीय पिंड है.
क्या इसका मतलब है कि बृहस्पति के चंद्रमा पर जीवन हो सकता है?
हबल वैज्ञानिकों ने यह बताया कि, "जहां पानी है वहां जीवन हो सकता है, जैसा कि हम जानते हैं." पृथ्वी से परे रहने योग्य ग्रहों की हमारी खोज में, अन्य दुनिया/ ग्रहों में तरल पानी की पहचान करना महत्वपूर्ण है.
यह खोज कैसे हुई?
• बृहस्पति के चंद्रमा गेनीमेड की पहली पराबैंगनी तस्वीरें/ छवियां हबल के स्पेस टेलीस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ (STIS) द्वारा वर्ष, 1998 में ली गई थीं.
• इन छवियों ने चंद्रमा के वातावरण से देखे गए उत्सर्जन में एक पैटर्न का खुलासा किया.
• शोधकर्ताओं ने दो पराबैंगनी प्रेक्षणों के बीच समानता को आणविक ऑक्सीजन, O2 की उपस्थिति के कारण माना.
• दो पराबैंगनी प्रेक्षणों के बीच अंतर को परमाणु ऑक्सीजन - O की उपस्थिति से समझाया गया था, जो एक संकेत उत्पन्न करता है जो एक यूवी रंग को दूसरे की तुलना में अधिक प्रभावित करता है.
• वैज्ञानिकों ने वर्ष, 2010 और वर्ष, 1998 की छवियों के साथ वर्ष 2018 में लिए गए नए स्पेक्ट्रा (छवि रंग) का संयुक्त विश्लेषण किया.
• वैज्ञानिकों ने तब यह पाया कि, वर्ष 1998 के डाटा की मूल व्याख्या के अतिरिक्त, गेनीमेड के वायुमंडल में शायद ही कोई परमाणु ऑक्सीजन थी.
• शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि, जलवाष्प की उत्पत्ति बर्फ के उर्ध्वपातक से होती है, जो गर्म बर्फीले क्षेत्रों से H2O वाष्प के ऊष्मीय पलायन के कारण होता है.
JUICE मिशन
• इस खोज ने ESA के आगामी ज्यूपिटर आईसी मून्स एक्सप्लोरर (JUICE) मिशन के महत्व को बढ़ाया है, जो ESA के कॉस्मिक विजन वर्ष, 2015–2025 कार्यक्रम में पहला बड़े वर्ग का मिशन है.
• इस JUICE मिशन के वर्ष, 2022 में लॉन्च होने और वर्ष, 2029 में बृहस्पति पर पहुंचने की उम्मीद है. इस तीन साल के लंबे मिशन का उद्देश्य बृहस्पति और गेनीमेड सहित इसके तीन सबसे बड़े चंद्रमाओं का विस्तृत अवलोकन करना है.
• बृहस्पति के चंद्रमा गेनीमेड को अधिक विस्तृत जांच के लिए चुना गया था, क्योंकि यह बर्फीली दुनिया के विकास, प्रकृति और संभावित आवास के विश्लेषण के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला प्रदान करता है.
• गेनीमेड बृहस्पति और इसके पर्यावरण के साथ अपनी अनूठी चुंबकीय और प्लाज्मा परस्पर क्रिया को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है और यह गेलीलियन उपग्रहों की प्रणाली के भीतर अपनी (गेनीमेड की) भूमिका के बारे में अंतर्दृष्टि दे सकता है.
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