भारतीय वायुसेना ने हाल ही में अपने सभी एयरबेस की सुरक्षा को चाकचौबंद करने के लिए सुरक्षा दस्ते में विशेष बुलेटप्रूफ वाहन शामिल किए हैं. ये वाहन पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले जैसी स्थिति में गोलियों और हथगोलों की मार का सामना करने में सक्षम होंगे.
भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार, इन वाहनों को लाइट बुलेट प्रूफ व्हेकिल (एलबीपीवी) कहा जाता है. इनका इस्तेमाल एयरबेस पर किसी आतंकी हमले के दौरान किया जाएगा. छह टन के इस वाहन को इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है कि इसका इंजन आगे और पीछे दोनों तरफ से छिपा रहता है. इंजन को आसानी से निशाना नहीं बनाया जा सकता.
6 मिमी मोटी बख्तरबंद सुरक्षा
भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार, वाहन को 6 मिमी मोटी बख्तरबंद सुरक्षा दी गई है. इसकी विंडशील्ड 40 मिमी मोटी है जो जो एके-47 और स्नाइपर राइफल की गोलियों का सामना कर सकती है.
बुलेटप्रूफ वाहन की विशेषताएं
इस गाड़ी में चौतरफा सुरक्षित कैनोपी है जिससे गनर चारो तरफ निशाना साधकर गोलियां बरसा सकता है. इसे 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है. टायर पंचर होने की स्थिति में भी इसे चलाया जा सकता है.
इस वाहन के बंद हिस्से में पूरी तरह सुसज्जित छह गरुड़ कमांडो या क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के सदस्य बैठ सकते हैं. वाहन के पीछे खुले स्थान में और अधिक सुरक्षा जवान सवार हो सकते हैं.
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