अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 14 अप्रैल 2020 को वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर सिर्फ 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, आईएमएफ ने कहा कि इसके बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा अपने पास बरकरार रखेगा. वहीं, आईएमएफ ने इस दौरान चीन की वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
आईएमएफ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और उसके कारण विश्व भर में आर्थिक गतिविधियां ठप होने से वैश्विक अर्थव्यवस्था भीषण मंदी की ओर बढ़ रही है. यह साल 1930 में आयी महामंदी के बाद सबसे बड़ी मंदी है. भारत में आर्थिक वृद्धि का यह स्तर रहता है तो यह साल 1991 में शुरू उदारीकरण के बाद सबसे कम वृद्धि दर होगी.
तीव्र वृद्धि से उभरती अर्थव्यवस्था
मुद्राकोष ने इसके बावजूद विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट के नये संस्करण में भारत को तीव्र वृद्धि वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणी में रखा है. भारत उन दो बड़े देशों में शामिल है जहां 2020 में वृद्धि दर सकारात्मक होगी. दूसरा देश चीन है जहां आईएमएफ के मुताबिक 1.2 प्रतिशत वृद्धि दर रह सकती है.
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने क्या कहा?
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि हमारा अनुमान है कि साल 2020 में वैश्विक वृद्धि में 3 प्रतिशत की गिरावट आएगी. यह जनवरी 2020 से 6.3 प्रतिशत की गिरावट है. इतने कम समय में बड़ा बदलाव किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से सभी क्षेत्रों में वृद्धि दर प्रभावित होगी. गोपीनाथ ने कहा कि यह संकट गहरा है और इसके लोगों के जीवन तथा आजीविका पर प्रभाव को लेकर काफी अनिश्चितता है.
दुनिया की महामंदी
उल्लेखनीय है कि दुनिया की महामंदी साल 1929 में अमेरिका में शुरू हुई. उस समय न्यूयार्क शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के साथ निवेशकों को लाखों डॉलर की चपत के बाद इसकी शुरूआत हुई थी.
आर्थिक वृद्धि में गिरावट
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक विकसित देशों की श्रेणी में ज्यादातर देशों की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आएगी. इसमें अमेरिका (5.9 प्रतिशत की गिरावट), जापान (5.2 प्रतिशत की गिरावट), ब्रिटेन (6.5 प्रतिशत की गिरावट), जर्मनी (7.0 प्रतिशत की गिरावट), फ्रांस (7.2 प्रतिशत की गिरावट), इटली (9.1 प्रतिशत की गिरावट) और स्पेन 8.0 प्रतिशत की गिरावट में रह सकता है.
चीन में राजकोषीय में सुधार
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में अच्छी-खासी राजकोषीय सहायता के साथ साल 2020 की शेष अवधि में सुधार आएगा और वृद्धि दर 1.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. क्षेत्र की कई अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि दर हल्की होने का अनुमान है. इसमें भारत (1.9 प्रतिशत) और इंडोनेशिया (0.5 प्रतिशत) शामिल हैं. वहीं थाईलैंड में 6.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ कुछ अन्य देशों में आर्थिक वृद्धि में गिरावट की अनुमान व्यक्त की गयी है.
आर्थिक वृद्धि में बड़ी गिरावट
मुद्राकोष के मुताबिक दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी आर्थिक वृद्धि में बड़ी गिरावट का अनुमान है. इसमें लातिन अमेरिका (5.2 प्रतिशत की गिरावट) शामिल हैं. ब्राजील में आर्थिक वृद्धि दर में 5.3 प्रतिशत और मेक्सिको में 6.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है.
उभरते और विकासशील यूरोप में वृद्धि दर में 5.2 प्रतिशत की गिरावट जबकि रूस की अर्थव्यवस्था में 5.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम एशिया और मध्य एशिया में वृद्धि दर में 2.8 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका हैं. इसमें सऊदी अरब की जीडीपी वृद्धि 2.3 प्रतिशत सिकुड़ सकती है.
2021 में आर्थिक वृद्धि दर
रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया है कि साल 2021 में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत जबकि चीन की 9.2 प्रतिशत रहेगी. वहीं अमेरिका और जापान की जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 4.5 प्रतिशत और 3.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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