Door-to-door COVID-19 vaccination: केंद्र सरकार ने कोविड 19 टीकाकरण अभियान को लेकर बड़ा फैसला किया है. देश में डोर-टू-डोर कोविड 19 वैक्सीन लगेगी. लोगों को घर-घर जाकर वैक्सीन लगाई जाएगी. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि भारत में ‘डोर टू डोर’ कोविड टीकाकरण की अनुमति दी गई है.
इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने उन लोगों के लिए एक प्रावधान किया है जो दिव्यांग हैं और वो टीकाकरण केंद्र तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं, वो एसओपी का पालन करते हुए पर्यवेक्षित तरीके से घर पर टीका लगवा सकते हैं.
डॉ वीके पॉल ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कोविड एसओपी के अनुरूप अशक्त और चल-फिर नहीं सकने वाले लोगों के लिए 'घर पर टीकाकरण' की व्यवस्था करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है. लगभग 2/3 वयस्क आबादी को एक टीका लगाया गया है.
इतने प्रतिशत आबादी ने दोनों खुराक प्राप्त की
टीकाकरण अभियान के बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश की लगभग 66 फीसदी आबादी को टीके की कम से कम एक खुराक दी गई है और 23 प्रतिशत आबादी का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है. टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांगों एवं चलने-फिरने में असमर्थ लोगों को उनके घर पर ही टीका लगाया जाएगा.
इतने प्रतिशत आबादी को पहली खुराक
छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी 100 प्रतिशत आबादी को पहली खुराक दे दी है. ये लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और सिक्किम हैं. चार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पहली खुराक का 90 प्रतिशत से अधिक कवरेज है- ये दादरा और नगर हवेली, केरल, लद्दाख और उत्तराखंड हैं.
सबसे ज्यादा एक्टिव केस
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले घटने के बावजूद अब भी हम महामारी की दूसरी लहर के बीच में हैं. केरल एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या एक लाख से अधिक है. पिछले हफ्ते सामने आए कुल मामलों में 62.73 प्रतिशत इसी राज्य से थे.
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