भारत एवं बांग्लादेश ने 12 जुलाई 2016 को रामपाल पावर स्टेशन के निर्माण हेतु एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किये. यह 1320 मेगावाट का कोयला संचालित उर्जा संयंत्र होगा.
दोनों देशों के बीच हुए समझौते में रामपाल उर्जा संयंत्र अब तक का सबसे बड़ा समझौता है.
समझौते की विशेषताएं
• यह परियोजना बांग्लादेश-इंडिया फ्रेंडशिप पावर कम्पनी लिमिटेड (बीआईएफपीसीएल) एवं भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जा रही है.
• इस परियोजना के लिए भेल का चयन अंतरराष्ट्रीय निविदा द्वारा किया गया.
• यह निर्माण बांग्लादेश के दक्षिणी-पश्चिमी क्षेत्र में सुंदरबन के समीप रामपाल नामक स्थान में किया जायेगा.
• इस परियोजना के लिए भारत का एक्सिम बैंक 1.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर मुहैया कराएगा.
• इसके तहत 2019 तक इस संयंत्र के आरंभ होने की योजना बनाई गयी है.
रामपाल उर्जा संयंत्र
• यह संयंत्र 1320 मेगावाट की बिजली पैदा करेगा तथा इसे कोयले से संचालित किया जायेगा. यह क्षेत्र बगेरहाट जिले में स्थित रामपाल उपजिला में है.
• यह भारत सरकार के राष्ट्रीय थर्मल पावर कारपोरेशन एवं बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड का संयुक्त उपक्रम है.
• इसे मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है.
• इसका निर्माण 1834 एकड़ क्षेत्र में किया जायेगा.
• यह यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल सुंदरवन से 14 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.
• यह बांग्लादेश का सबसे बड़ा उर्जा संयंत्र होगा.
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