भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में बांग्लादेश की अपनी समकक्ष प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ डिजिटल माध्यम से द्विपक्षीय बैठक करेंगे. भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से 29 सितम्बर 2020 को यह जानकारी दी गई है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन ने भारत-बांग्लादेश संयुक्त परामर्श आयोग की छठी बैठक के बाद यह बात कही. कोविड-19 के मद्देनजर डिजिटल माध्यम से आयोजित इस बैठक में मोमेन ने बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व किया और भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दल की अगुवाई की. उन्होंने कहा कि दोनों प्रधानमंत्री दिसंबर में बैठक करेंगे.
उच्च स्तरीय प्रणाली का गठन
बांग्लादेश में भारत के वित्त पोषित विकास परियोजनाओं की निगरानी के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय प्रणाली का गठन किया जाएगा. दोनों देशों के बीच मंत्री स्तरीय डिजिटल बैठक के बाद यह जानकारी दी गई. बैठक में तीस्ता नदी के जल बंटवारे के अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई गई.
बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके बांग्लादेशी समकक्ष ए के अब्दुल मोमेन ने किया. दिसंबर में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच डिजिटल शिखर बैठक से पहले इसमें द्विपक्षीय संबंधों की विस्तृत समीक्षा की गई.
दोनों देशों का संयुक्त बयान
संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने ‘उच्च स्तरीय निगरानी समिति’ का गठन करने का निर्णय किया है ताकि बांग्लादेश में भारत के ऋण सहयोग से बन रही परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा की जा सके. इसमें कहा गया कि दोनों देशों के बीच की सीमाओं पर प्रभावी सुरक्षा के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सीबीएमपी) लागू की जाए.
भारत-बांग्लादेश संबंध
भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं और आमतौर पर उन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं. हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते हैं. बांग्लादेश की सीमा तीन ओर से भारत द्वारा ही आच्छादित है. ये दोनो देश सार्क, बिम्सटेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य हैं. विशेष रूप से, बांग्लादेश और पूर्व भारतीय राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा बंगाली भाषा बोलने वाले प्रांत हैं.
भारत और बांग्लादेश आपस में 54 नदियाँ साझा करते हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच 1972 में पहला व्यापार समझौता हुआ था. भारत-बांग्लादेश व्यापार समझौते को अंतिम बार जून 2015 में स्वतः नवीनीकरण के प्रावधान के साथ 5 सालों की अवधि के लिये नवीनीकृत किया गया था. भारत मे बांग्लादेश को साल 2010 से अब तक 8 बिलियन डॉलर की 3 लाइन ऑफ क्रेडिट दी हैं.
भारत-बांग्लादेश परिवहन के सभी साधनों के माध्यम से कनेक्टिविटी का एक अच्छा उदाहरण है. वर्तमान समय में दोनों देशों के मध्य व्यापार और आवागमन हेतु लगभग सभी साधनों जैसे- पानी के जहाज़, रेल, बस और हवाई जहाज़ आदि का प्रयोग किया जा रहा है. इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (IGCC), बांग्लादेश में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है.
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