भारत और डेनमार्क ने हाल ही में बिजली क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं. बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शुरुआती समझौते के बाद एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा जो एमओयू पर आगे काम करेगा.
बयान के अनुसार बिजली मंत्रालय और डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोगी सेवाओं और जलवायु मामलों के मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर 05 जून 2020 को किये गये. सहमति पत्र पर भारत की तरफ से बिजली सचिव संजीव नंदन सहाय और डेनमार्क की तरफ से यहां डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वाने ने हस्ताक्षर किये.
समझौते का मकसद
इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच परस्पर लाभ के आधार पर बिजली क्षेत्र में एक मजबूत और दीर्घकालीन सहयोग विकसित करना है.
समझौते से संबंधित मुख्य बिंदु
• समझौते में अपतटीय पवन ऊर्जा, दीर्घकालीन ऊर्जा नियोजन, ग्रिड में लचीलापन, बिजली खरीद समझौते में लचीलापन आदि जैसे क्षेत्रों सहयोग की बात कही गयी है.
• इन क्षेत्रों में डेनमार्क के साथ सहयोग से देश के बिजली बाजार को लभ होगा. भारतीय ऊर्जा बाजार को डेनमार्क के साथ सहयोग से फायदा होगा.
• इन पहचाने गये क्षेत्रों में सहयोग को हकीकत में बदलने के लिये एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा.
• इस समूह की सह-अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे और वे दोनों तरफ से सचिव स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को रिपोर्ट करेंगे.
भारत और डेनमार्क के बीच कोविड-19 पर चर्चा
भारत और डेनमार्क ने आपस में जुड़ी दुनिया के समक्ष मौजूद कोविड-19 के खतरे पर हाल ही में चर्चा की और चिकित्सा अनुसंधान, परीक्षण किट तथा टीके के विकास पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से इस महामारी का मिलकर मुकाबला करने का निश्चय किया. दोनों देशों ने कोविड-19 से उत्पन्न गहरे वैश्विक आर्थिक संकट से पैदा हुई चुनौतियों पर भी चर्चा की.
यह भारत-डेनमार्क संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक थी. विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक दोनों मंत्रियों ने कहा कि यह महामारी आपस में जुड़ी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण खतरा है और यह देशों को यात्रा पाबंदियों के लिए बाध्य कर रही है. दोनों पक्ष मेडिकल अनुसंधान, परीक्षण किट और टीके के विकास पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से कोविड-19 महामारी का मिलकर मुकाबला करने पर सहमत हुए.
भारत और डेनमार्क संबंध
भारत और डेनमार्क के बीच संबंध बहुत ही मधुर है. भारत और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों के बीच परामर्श पर एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे और राष्ट्रीय ऊर्जा संस्थान और डेनमार्क तकनीकी विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन का भी आदान-प्रदान किया गया था. डेनमार्क भारत के प्रमुख व्यापार भागीदारों में से एक है. डेनमार्क से भारत को होने वाले प्रमुख आयातों में औषधीय/फार्मास्यूटिकल वस्तुएं, विद्युत उत्पादन मशीनरी, औद्योगिक मशीनरी, धातु खनिज, ऑर्गेनिक रसायन आदि शामिल हैं.
भारत से डेनमार्क को होने वाले निर्यात में सिलेसिलाए कपड़े, वस्त्र/फेब्रिक यार्न, सड़क वाहन और घटक, धातु की वस्तुएं, लोहा और स्टील, जूते और यात्रा वस्तुएं शामिल हैं. दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और समु्द्रीय क्षेत्र में सहयोग और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए डेनमार्क के साथ द्विपक्षीय समझौता करने का प्रस्ताव किया गया है.
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