भारत और फिनलैंड ने 26 नवंबर 2020 को पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. यह एमओयू भारतीय और फिनलैंड के बीच साझेदारी और समर्थन को आगे बढ़ाने का एक मंच है.
इस एमओयू के तहत वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे का सहयोग शामिल है. इसी क्रम में भारत और फिनलैंड ने पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. इस बात की जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दी है.
पर्यावरण को बचाने के लिए एक दूसरे का सहयोग
केंद्र सरकार ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को दो महीने पहले सितंबर 2020 में ही मंजूरी दे दी थी. इसी क्रम में आज दोनों देशों के बीच एमओयू पर सहमति बनी और भारत-फिनलैंड ने एक मंच पर आते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया. दोनों देश समझौता ज्ञापन पर सहमति बनने के बाद अब पर्यावरण को बचाने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे.
Signed a MoU with my Finnish counterpart Ms. Krista Mikkonen.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 26, 2020
The MoU will strengthen bilateral cooperation in field of environmental protection and will also help the two nations exchange best practices in areas like prevention of #AirPollution ,promotion of #circulareconomy etc pic.twitter.com/5kpCSdYuWt
भारतीय और फिनलैंड के बीच साझेदारी
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया कि एमओयू, भारतीय और फिनलैंड के बीच साझेदारी और समर्थन को आगे बढ़ाने का एक मंच है. इसके माध्यम से दोनों देश वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में उच्च साधनों और रणनीति का आदन प्रदान करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह समझौता भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए भारत और फिनलैंड के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाएगा. इस समझौता का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए भूवैज्ञानिक आंकड़ा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर नियम और मंच उपलब्ध कराना है.
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