भारत व मोरक्को ने 19 सितंबर 2018 को संशोधित हवाई सेवा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस आधुनिक समझौते से दोनों देशों के बीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी.
दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल ने विगत वर्षों में तीन बार बैठकें कीं. इस दौरान दोनों देशों के बीच बाजारों को उदार बनाने और वर्तमान हवाई सेवा समझौते का अद्यतन करने की दिशा में प्रयास किए गए.
दोनों पक्षों ने कानूनी एवं तकनीकी बाधाएं दूर की और इसके साथ ही दोनों देशों ने हवाई सेवा समझौते का आधुनिक मसौदा तैयार करने पर सहमति जताई. इसके बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने यहां की सरकार से हवाई सेवा समझौते के स्वीकृत मसौदे पर मंजूरी प्राप्त की.
इस समझौते पर पर्यटन, हवाई परिवहन, हस्तशिल्प और सामाजिक अर्थव्यवस्था मंत्री मोहम्मद साजिद की भारत यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए गए हैं. मोरक्को पक्ष की ओर से मोहम्मद साजिद और भारतीय पक्ष की ओर से केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
संशोधित हवाई सेवा समझौता:
• इस समझौते के परिणामस्वरूप भारत एवं मोरक्को के बीचे हवाई कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी और इसके साथ ही दोनों देशों की एयरलाइनें आपस में कोड को साझा कर सकेंगी.
• इस समझौते के परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ाने में अब और भी अधिक आजादी संभव होगी.
• नागरिक उड्डयन क्षेत्र में इन घटनाक्रमों या समझौतों से एक देश के लोगों को दूसरे देश की यात्रा करने में सहूलियत होगी जिससे पारस्परिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंध और ज्यादा सुदृढ़ होंगे.
समझौते से होने वाले लाभ: |
• नया समझौता से दोनों देशों के बीच व्यापार निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा. • यह समझौता व्यापक सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही दोनों देशों की विमान सेवाओं के लिए व्यापारिक संभावनाएं उपलब्ध कराएगा और निर्बाध हवाई संपर्क के लिए अनुकूल वातावरण भी तैयार करेगा. • यह समझौता नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में भारत और मोरक्को के बीच आपसी संबंध को बढ़ायेगा. |
पृष्ठभूमि:
नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में बढ़ते अवसरों तथा दोनों देशों के बीच हवाई सेवाओं को आधुनिक और निर्बाध बनाने के उद्देश्य से मौजूदा हवाई सेवा समझौते में संशोधन किया जा रहा है.
भारत और मोरक्को के बीच मौजूदा हवाई सेवा समझौता वर्ष 2004 में किया गया था. इसमें निर्दिष्ट एयर लाइनों की सुरक्षा, संरक्षा और वाणिज्यिक गतिविधियों से जुड़े प्रावधानों में समय के अनुरूप बदलाव की व्यवस्था नहीं थी.
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