भारत और पनामा ने 09 मई 2018 को राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीज़ा में छूट दिए जाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किये. इसके अतिरिक्त दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए भी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इन समझौते पर पनामा शहर में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और पनामा के राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वेरेला रॉड्रिग्स की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की ग्वाटेमाला, पनामा और पेरू जैसे तीन देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने हेतु उनकी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा का यह दूसरा चरण था.
संयुक्त वक्तव्य |
भारत के उपराष्ट्रपति एवं पनामा के राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और पनामा के संबंध सदैव सौहार्दपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच हुए समझौते दोनों देशों के साझा मूल्यों एवं वचनबद्धता पर आधारित हैं. ये संबंध हमारे सामान्य मूल्यों जैसे लोकतंत्र, बहुलवाद, बहु-सांस्कृति तथा कानून के शासन के प्रति आदर को दर्शाते हैं. |
समझौते के मुख्य बिंदु
• वैंकेया नायडू ने पनामा द्वारा फाल्कन नीतियों में भारत को शामिल करने के लिए पनामा की सराहना की.
• उन्होंने कहा कि भारत और पनामा में दो जैव-विविधता केंद्र स्थापित किये जायेंगे जिनकी लागता 10 मिलियन डॉलर से 15 मिलियन डॉलर तक होगी.
• दोनों देश कर जानकारी, आर्थिक सहयोग, वायु सेवाओं, पारंपरिक दवाओं, संस्कृति और अंतरिक्ष में सहयोग को मजबूत करने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए हैं
• पनामा मानवाधिकार परिषद् (एचआरसी) के लिए भारत को 2019-2021 तक बतौर सदस्य चुने जाने के लिए समर्थन देने पर भी सहमत हुआ.
• संयुक्त वक्तव्य के रूप में दोनों ही देश आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु संकल्पित रहे.
यात्रा का उद्देश्य
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा तीन लैटिन अमेरिकी देशों – ग्वाटेमाला, पनामा एवं पेरू की यात्रा का उद्देश्य इन देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ़ करना है. इसके अतिरिक्त विभिन्न मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों में मधुरता लाना भी इस यात्रा का उद्देश्य था.
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