भारत और स्लोवेनिया ने 17 मई 2016 को दोनों देशो के बीच मौजूदा दोहरा कराधान बचाव संधि में संसोधन हेतु हस्ताक्षर किए. दोनों देशो ने इस संधि पर स्लोवेनिया के राजधानी एलजुबलजाना में हस्ताक्षर किए.
इस संधि का उद्देश्य दोहरे कराधान निवारण और आय पर कर चोरी पर लगाम लगाना है.
भारत की और से स्लोवेनिया में भारत के राजदूत सर्वजीत चक्रवर्ती और स्लोवेनिया की ओर से वहाँ के वित्त मंत्री दुसान मरामोर ने हस्ताक्षर किये.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• इस प्रोटोकॉल से कर संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के वर्तमान ढांचे का दायरा बढ़ेगा.
• दोनों देशों के बीच कर की चोरी और कर निवारण पर अंकुश लगेगा और करों की उगाही में पारस्परिक सहायता मिलेगी.
• करों के संग्रहण के लिए आपसी सहयोग बढ़ सकेगा.
दोहरा कराधान बचाव संधि (DTAA)
• संधि के तहत कंपनी का मूल पता जिस देश का है, वहीं उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लग सकता है.
• टैक्स जहां से उसने कमाया है, वहां पर नहीं लगता.
• लाभांश, रॉयल्टी व ब्याज आय पर दोनों ही देशों में टैक्स लगता है.
• टैक्स की दर लाभांश पर 7.5% और ब्याज व रॉयल्टी पर 10% से ज्यादा नहीं हो सकती.
• भारत ने दुनिया के 79 देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) कर रखी है.
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