हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पालिसी (एचईएलपी) नाम की नीति निवेशकों को कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस की कीमत और विपणन में आजादी प्रदान करती है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के अनुसार हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पालिसी (एचईएलपी) भारत को व्यापार निवेशक अनुकूल गंतव्य बनाने की रणनीति तैयार करने के लिए अनुकूल होगी.
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने हाइड्रोकार्बन खोज लाइसेंस नीति की घोषणा ह्यूस्टन में आयोजित सम्मलेन में की. यह सम्मलेन तेल, उर्जा एवं प्राकृतिक गैस उद्योग के दिग्गजों की अंतरराष्ट्रीय बैठक है. प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान सीईएआरए वीक 2017 में भाग लेने हेतु ह्यूस्टन गए हैं. उनकी अगुवाई में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी उनके साथ गया है.
इस सम्मलेन का आयोजन एक सप्ताह तक किया जाएगा. सम्मेलन में अन्य देशों कनाडा के प्रधानमंत्री, रूस, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के तेल एवं ऊर्जा मंत्री भाग ले रहे हैं.
हाइड्रोकार्बन खोज लाइसेंस नीति का उद्देश्य-
- हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन लाइसेंसिंग पालिसी का लक्ष्य देश के तेल उत्पादन को मौजूदा 8 करोड़ टन से बढ़ाकर 2022 तक 15 से 15.5 करोड़ टन करना है.
- हाइड्रोकार्बन खोज लाइसेंस नीति परंपरागत और गैर-पंरपरागत तेल एवं गैस स्रोतों के खोज का एकल लाइसेंस पेशकश करती है.
- हाइड्रोकार्बन खोज लाइसेंस नीति का उद्देश्य ऊर्जा एवं पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना और निवेशकों को परिचालन संबंधी लचीलापन उपलब्ध कराना है.
- नये नीति के तहत सरकार उत्पादकों के साथ सूक्ष्म प्रबंधन, निगरानी नहीं करेगी अपितु आय साझा करेगी. यह खुला एवं नियमित मामला होगा.
- नीति का उद्देश्य भारत में खोजे गये हाइड्रोकाबर्न संसाधनों के अधिकतम उपयोग के जरिये तेल एवं गैस का उत्पादन बढ़ाना है.
- हाइड्रोकार्बन खोज लाइसेंस नीति के तहत खोज एवं उत्पादन की अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, निवेश और प्रबंधन के बेहतर तरीकों हेतु अन्य सहयोगियों को भी शामिल किए जाने की सम्भावना है.
- इस क्षेत्र के विकास हेतु वैश्विक स्तर पर प्रचलित गतिविधियों और आधुनिक प्रौद्योकियों को भी आत्म सात किया जाएगा. केंद्र सरकार ने तेल एवं गैस क्षेत्र की पूरी मूल्य श्रृंखला में उल्लेखनीय बदलाव किया है.
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