तीसरा भारत-आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) युवा संवाद 8 जून से 10 जून 2020 तक आभासी प्रणाली के माध्यम से हुआ. भारत-आसियान के बीच हुई बातचीत कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई के इर्द-गिर्द घूमती रही.
भारत और आसियान ने 10 जून को युवा ऊर्जा, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में रचनात्मक और प्रभावी सहयोग को बढ़ावा दिया, जिसे इन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी के केंद्रीय तत्वों के रूप में पहचाना गया है.
भारत और आसियान ने यह स्वीकार किया है कि सीखने की दृष्टि से बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार और पुन:स्थापना इस दिशा में एक बड़ा कदम है. विश्वविद्यालय विभिन्न कोर्सेज के लिए आसियान के छात्रों के लिए कई छात्रवृत्ति कार्यक्रमों की पेशकश कर रहा है.
शिक्षा को बढ़ावा देने में भारत-आसियान सहयोग:
आसियान-भारत के शिखर सम्मेलन की 25 वीं वर्षगांठ पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में आसियान के छात्रों के लिए 1,000 पीएचडी फैलोशिप शुरू करने की घोषणा की थी. यह एक महत्वपूर्ण कदम था और शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि थी.
इसके अलावा, भारत ने मेकांग गंगा सहयोग (एमसीजी) और भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) ढांचे के तहत आसियान देशों के छात्रों को 1000 से अधिक छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं.
आसियान-भारत विश्वविद्यालय नेटवर्क भी शैक्षिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के लिए काम कर रहा है.
युवाओं के प्रयासों के संबंध में भारत-आसियान का रवैया
भारत ने ऐसे युवाओं के प्रयासों को भी स्वीकार करने के साथ ही सराहना भी की जो कोविड -19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. इस बातचीत के दौरान, भारत ने कहा कि, इस महामारी के कारण उत्पन्न मौजूदा संकट के साथ न केवल बोझ और जिम्मेदारियां ही आई हैं, बल्कि यह संकट अपने साथ कई अवसर भी लाया है. भारत और आसियान के सदस्य देशों के युवाओं को इन अवसरों का पूरा लाभ उठाना चाहिए.
इन दोनों के बीच हुई इस बातचीत में अन्य युवा-केंद्रित पहलों को भी शामिल किया गया. विभिन्न छात्र विनिमय कार्यक्रमों के तहत पिछले दशक में 2500 से अधिक आसियान युवा लाभान्वित हुए हैं, इन कार्यक्रमों में से कुछ हैं: युवा किसानों के लिए विनिमय कार्यक्रम, युवा आसियान राजनयिकों के लिए विशेष कोर्सेज, युवा सांसदों के लिए कार्यक्रम और विभिन्न मीडिया एक्सचेंज कार्यक्रम.
आसियान और भारत में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी शामिल है. दुनिया के सबसे अधिक युवा लोग भारत में हैं और हमारे देश की लगभग 35% आबादी 35 वर्ष से कम है, जबकि 450 मिलियन से अधिक लोग 15-35 वर्ष के आयु वर्ग में शामिल हैं.
वर्तमान में 15.33 वर्ष के आयु वर्ग के लगभग 213 मिलियन लोगों के साथ आसियान क्षेत्र में युवाओं की सबसे बड़ी आबादी शामिल है. यह संख्या अभी और आगे बढ़ेगी और इसके 220 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है.
भारत-आसियान के बीच संबंध:
आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट ’नीति का केंद्र रहा है और इन दोनों पक्षों के बीच आपसी संबंध इनके आर्थिक और सांस्कृतिक आयामों से आगे बढ़ रहे हैं.
इससे पहले वर्ष 2017 और वर्ष 2019 में दो भारत-आसियान युवा शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं जिनके तहत आसियान और भारत के युवाओं को एक साथ मिलकर सार्थक और रचनात्मक संवाद करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया था.
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के बारे में:
आसियान एक क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है. इसमें दक्षिण पूर्व एशिया के 10 देश शामिल हैं और इसका उद्देश्य अंतर-सरकारी सहयोग को बढ़ावा देना है. यह संगठन अपने सदस्य देशों के साथ-साथ एशिया के अन्य देशों में भी राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, शैक्षिक, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण की सुविधा प्रदान करता है.
आसियान को 8 अगस्त 1967 को बनाया गया था, जब पांच देशों - मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, और थाईलैंड - के विदेश मंत्रियों: ने आसियान घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. आसियान सचिवालय इंडोनेशिया के जकार्ता में स्थित है.
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