भारत और चीन ने 09 फरवरी, 2021 को वास्तविक नियंत्रण रेखा - LAC पर सैन्य गतिरोध के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के एजेंडे के विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता की.
इस बैठक के दौरान, विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार, चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीन के विदेश मामलों के मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों के महानिदेशक, यांग ताओ ने किया.
जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्वी एशिया और विदेश मंत्रालय के संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त सचिव (UNP एवं शिखर सम्मेलन) प्रकाश गुप्ता ने किया था, ये अधिकारी न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन और बीजिंग में भारत के दूतावास से थे.
भारत ने फरवरी, 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के तौर पर अपना दो साल का कार्यकाल शुरू किया था.
भारत और चीन के बीच UNSC के एजेंडे पर हुई चर्चा
भारतीय अधिकारियों ने चीनी अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपने UNSC कार्यकाल के दौरान भारत की प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी दी. इन दोनों देशों ने UNSC एजेंडे के कई मुद्दों पर चर्चा की.
सीमावर्ती सैनिकों के प्रारंभिक प्रस्थान पर समझौता
इस 24 जनवरी, 2021 को मोल्डो-चुशुल सीमा के चीनी पक्ष में आयोजित, चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के नौवें दौर के दौरान, भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में तैनात सीमावर्ती सैनिकों के प्रारंभिक प्रस्थान/ वापसी के लिए सहमत हुए थे.
दोनों देशों के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध का समाधान तलाशने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर के चुशुल के सामने स्थित मोल्डो में सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद, यह बैठक 15 घंटे से अधिक समय तक चली थी.
पृष्ठभूमि
भारत और चीन के बीच अप्रैल-मई 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास गतिरोध चल रहा है. जब चीन ने उस दौरान LAC पर बड़े पैमाने पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ानी शुरू कर दी थी. भारत ने तब अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.
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