विश्व स्तर पर स्वच्छ खेल का माहौल सुनिश्चित करने के लिए भारत ने विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) को 01 मिलियन अमरीकी डालर का योगदान देने का निर्णय लिया है. इस धनराशि का इस्तेमाल आगे चलकर WADA की स्वतंत्र जांच और खुफिया विभाग को मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा. सऊदी अरब, चीन और मिस्र की सरकारों द्वारा किए गए योगदान में भारत का योगदान सबसे अधिक है. अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति कुल योगदान 10 मिलियन अमरीकी डालर का कोष बनाने के लिए ऐसी ही समान राशि का योगदान करेगी.
मुख्य विशेषताएं
- WADA के पांचवें विश्व सम्मेलन में स्पोर्ट में डोपिंग के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर कॉर्पस/ निधि के निर्माण का निर्णय लिया गया था. यह वर्ष, 2019 में कैटोविस, पोलैंड में आयोजित किया गया था.
- भारत द्वारा किया गया यह योगदान, WADA के मुख्य बजट में भारत द्वारा किए गए वार्षिक योगदान से अधिक है.
- भारत के युवा मामले और खेल मंत्री, किरेन रिजिजू ने WADA अध्यक्ष को इस योगदान के बारे में लिखा है और यह कहा है कि, भारत सरकार को यह उम्मीद है कि, इस योगदान से इस निधि के लिए 10 मिलियन अमरीकी डालर का लक्ष्य प्राप्त करने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा.
भारत करता है स्वच्छ खेलों का समर्थन
इससे पहले, 08 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए WADA अध्यक्ष के साथ बैठक में खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वच्छ खेल की आवश्यकता पर जोर दिया था. उन्होंने विश्व स्तर पर एंटी-डोपिंग कार्यक्रम को मजबूत बनाने और वैज्ञानिक विशेषज्ञता और संसाधनों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन भी दिया था.
सदस्य देशों के समर्थन पर WADA अध्यक्ष
विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी के अध्यक्ष ने सदस्य देशों के सहयोग की सराहना की और यह कहा कि, इससे बड़े पैमाने पर WADA के साथ-साथ स्वच्छ खेल को बढ़ावा मिला है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, एजेंसी मिस्र, सऊदी अरब, चीन और भारत की सरकार की आभारी है कि, इन सरकारों ने इस तरह से खेल की सुरक्षा में अपना सहयोग दिया है.
सदस्य देशों से मिला यह योगदान स्वच्छ खेल के लिए मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इन संसाधनों का सदुपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ-साथ WADA के स्वतंत्र (I & I) विभाग के काम को बढ़ाने के लिए के लिए किया जाएगा.
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