भारत ने अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन (गावी) को 15 मिलियन डॉलर की मदद का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 04 जून 2020 को वैश्विक वैक्सीन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डेढ़ करोड़ डॉलर की सहायता राशि देने का घोषणा किया.
ऑनलाइन हुई इस समिट में लगभग पचास से अधिक देशों के बिजनेस लीडर्स, ब्रिटेन की एजेंसियां, सिविल सोसाइटी, सरकार के मंत्रियों ने भाग लिया. विश्वभर में फैली कोरोना महामारी के बीच हुए इस समिट की मेजबानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने की.
पीएमओ ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 04 जून 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा आयोजित वर्चुअल ग्लोबल वैक्सीन समिट को संबोधित किया. कोरोना वायरस के कहर से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन (गावी) को हमारा समर्थन केवल वित्तीय नहीं है, हमारा उद्देश्य मानवता की सेवा है. आज के चुनौतीपूर्ण समय में भारत विश्व के साथ एकजुटता से खड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की सभ्यता दुनिया को एक परिवार के रूप में देखना सिखाती है. भारत ने इस महामारी के दौरान इसी सीख का अनुसरण करते हुए अपनी जरूरतों को पूरा करते हुए 120 देशों को जरूरी दवा उपलब्ध कराई है.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने क्या कहा?
कोरोनो वायरस महामारी में विश्वभर के देश लॉकडाउन में हैं. ऐसे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने विश्वभर के राष्ट्रों से आग्रह किया गया था कि वे लाखों लोगों को बचाने और भविष्य में संक्रामक रोगों से दुनिया की रक्षा के लिए टीकाकरण के लिए वित्त पोषण करने का संकल्प लें. अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन (गावी) टीकाकरण तैयार करता है.
ऑस्ट्रेलियाई पीएम के साथ पीएम मोदी का वर्चुअल समिट
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच वर्चुअल समिट हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करने का ये सबसे सही समय है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबसे पहले मैं अपनी ओर से और पूरे भारत की ओर से ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस (COVID-19) से प्रभावित सभी लोगों और परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहूंगा.
समिट का मकसद
इस समिट का मुख्य मकसद अंतरराष्ट्रीय टीका गठबंधन (गावी) के लिए 7.4 अरब डॉलर एकत्रित करना और आने वाली पीढ़ियों को टीके के जरिए सुरक्षित करने जैसा है. भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए घोषणा किया कि वो अगले पांच साल में 15 मिलियन डॉलर की मदद करेगा.
वैक्सीन आपूर्ति लाइन हुई डिजिटल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी पूरी वैक्सीन आपूर्ति लाइन को डिजिटल कर दिया है. अपनी वैक्सीन कोल्ड चेन की अखंडता की निगरानी हेतु एक इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन खुफिया नेटवर्क विकसित किया है. इससे सही समय पर सही मात्रा में सुरक्षित और शक्तिशाली टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.
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