कोरोना के इलाज से हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी, जानें वजह

May 18, 2021, 10:27 IST

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से बताया गया है कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटाया गया है.

India drops plasma therapy from Covid treatment protocol in Hindi
India drops plasma therapy from Covid treatment protocol in Hindi

कोरोना वायरस के उपचार को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. केंद्र सरकार ने हाल ही में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए क्लिनिकल परामर्श में संशोधन किया है. सरकार ने 17 मई 2021 को मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्‍तेमाल को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने पाया कि कोरोना मरीजों के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों में कमी लाने में मददगार साबित नहीं हुई है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की तरफ से बताया गया है कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को नैदानिक प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटाया गया है.

प्लाज्मा थेरेपी से फायदा नहीं

कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-आईसीएमआर की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स से हटाने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सरकार का यह निर्णय सामने आया है. प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्रभावी नहीं पाया गया है.

कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स में संशोधन

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने कहा कि कार्य बल ने कोविड-19 मरीजों के लिए कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स में संशोधन करते हुए प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया. उल्लेखनीय है कि कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन को देश में कोविड-19 उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को तर्कहीन और गैर-वैज्ञानिक उपयोग करार देते हुए आगाह किया था. बता दें कि कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के बाद भी बचाया नहीं जा सका.

राष्ट्रीय कार्य बल गठित

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल के सभी सदस्य आईसीएमआर की पिछले हफ्ते हुई बैठक के दौरान प्लाज्मा थेरेपी को इलाज के दिशा-निर्देश से हटाने पर सहमत हुए थे. पिछली गाइडलाइंस में मध्यम स्तर की बीमारी के शुरआती दौर में (लक्षण दिखने के सात दिनों के भीतर) प्लाज्मा थेरेपी के 'आफ लेबल' इस्तेमाल की सिफारिश की गई थी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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