भारत ने पहली बार किसी आतंकी समूह से सुरक्षा हेतु किसी अन्य देश को आर्थिक मदद प्रदान करते हुए फिलीपिंस को 3.2 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की. भारत ने फिलीपींस को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से लड़ने के लिए यह सहायता राशि दी है.
फिलीपिंस के दक्षिणी इलाके के मारावी शहर में मई 2017 से आईएस ने कब्जा कर रखा है और सुरक्षाबल इसे मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
भारत की ओर से यह सहायता राशि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और फिलीपींस के विदेश मंत्री अलन पीटर काएटानो के बीच 6 जुलाई को हुई बातचीत के बाद दी गई है.
मीडिया में दी गयी जानकारी के अनुसार फिलीपींस की सेना और इस्लामिक स्टेट समर्थित आतंकी समूहों के बीच पिछले सात हफ्तों से संघर्ष जारी है. इस संघर्ष में अब तक 90 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं. लड़ाई में 380 आतंकवादी और दर्जनों आम नागरिक भी मारे जा चुके हैं. आतंकियों ने सैकड़ों लोगों को अभी भी बंधक बना रखा है.
भारत से पहले चीन ने भी फिलीपिंस की सहायता की थी जबकि यह राशि दो करोड़ रुपये से भी कम थी. इस प्रकार भारत आईएस से लड़ने के लिए सबसे अधिक राशि देकर फिलीपिंस की मदद करने वाला पहला देश बना.
पृष्ठभूमि
इस संघर्ष की शुरुआत 23 मई 2017 को फिलीपिंस सरकार के सुरक्षा बलों एवं आतंकी बलों के बीच मुठभेड़ से हुई. फिलीपिंस सरकार ने दावा किया कि यह संघर्ष उस समय आरंभ हुआ जब सरकारी संगठन ने आतंकी समूह के एक सरगना को गिरफ्तार करने के लिए अभियान आरंभ किया. इस आतंकी समूह को आईएसआईएस से सहायता प्राप्त थी जिसके कारण संघर्ष और भी अधिक जानलेवा हो गया. इस आतंकी समूह ने कैंप रानाव पर हमला करके शहर की कई इमारतों जैसे मारावी सिटी हॉल, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल तथा जेल पर कब्जा कर लिया.
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