इंस्टिट्यूट फॉर इकनॉमिक्स ऐंड पीस (आईईपी) द्वारा जारी किए गए ग्लोबल पीस इंडेक्स 2018 में भारत 163 देशों की सूची में 137 वें स्थान पर रहा.
भारत वर्ष 2017 में इस सूची में 141वें स्थान पर था और इस बार भारत की रैंकिंग में चार स्थान की बढ़ोतरी का कारण हिंसक अपराध के स्तर में कमी को बताया जा रहा है.
मुख्य तथ्य:
• इस सूची के मुताबिक विश्व का सबसे शांतिपूर्ण देश आइसलैंड है, शांतिपूर्णता के मामले मंथ आइसलैंड की यह सर्वोच्च स्थिति वर्ष 2008 से ही बनी हुई है.
• आइसलैंड के बाद इस सूची के शीर्ष पांच देशों में न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रिया, पुर्तगाल और डेनमार्क आते है.
• साथ ही दूसरी तरफ विश्व का सबसे अशांत देश सीरिया है. वह इस स्थान पर पिछले पांच वर्षों से कायम है.
• अफगानिस्तान, दक्षिण सूडान, इराक और सोमालिया सूची में सबसे नीचे आने वाले अर्थात सबसे कम शांतिपूर्ण देश हैं.
• मौतों की संख्या में सबसे ज्यादा कमी वाले देशों में श्रीलंका, चाड, कोलंबिया और युगांडा के साथ-साथ भारत भी मुख्य देश रहा है.
• वर्ष 2017 की तुलना में श्रीलंका सूची में 80 से 67 वें स्थान पर, नेपाल 93 से 84 वें स्थान पर, पाकिस्तान 152 से 151 वें स्थान पर जबकि भूटान 13 से 19 वें स्थान पर और बांग्लादेश 84 से 93 वें स्थान पर आ गया है.
• शांति में सबसे ज्यादा कमी दक्षिण अमेरिका में आई है. आतंकवाद की बढती घटनाएँ और जेल में बंदी की बढती दर की वजह से ऐसा हो रहा है.
पृष्ठभूमि:
रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक शांति का स्तर पिछले साल के मुकाबले 0.2 फीसदी घट गया है. यह लगातार चौथा साल है जब शांति का स्तर पहले से घटा है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि वैश्विक नेतृत्व अशांति का कारण बने मसलों को हल करने की दिशा में कोई कारगर पहल नहीं कर पाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले दशक में उभरे मसले भी अब तक सुलझाए नहीं जा सके हैं.
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