संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक में भारत को 130वां स्थान हासिल हुआ

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक के अनुसार, वर्ष 2017 के लिए भारत का एचडीआई मूल्य 0.640 है. जिसके कारण भारत को मानव विकास श्रेणी में रखा गया है. यह दक्षिण एशिया के औसत  0.638 से अधिक है.

Sep 17, 2018, 09:18 IST
India ranks 130 in UNs human development index
India ranks 130 in UNs human development index

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी मानव विकास रैकिंग (Human Development Index) में भारत को 130वां स्थान प्राप्त हुआ है. भारत को वर्ष 2018 की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार मिला जिससे भारत 189 देशों के बीच 130वां नंबर मिला है.

वर्ष 2017 के लिए भारत का एचडीआई मूल्य 0.640 है. जिसके कारण भारत को मानव विकास श्रेणी में रखा गया है. यह दक्षिण एशिया के औसत  0.638 से अधिक है.

भारत की स्थिति में सुधार का कारण

वर्ष 2016 में भारत 0.624 मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के साथ 131वें स्थान पर था. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1990 से 2017 के बीच सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय में 266.6 फीसदी का सुधार हुआ है. भारत की क्रय क्षमता के आधार पर प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय करीब 4.55 लाख रुपये पहुंच गई है जो पिछले साल से 23,470 रुपये अधिक है. इसलिए भारत की स्थिति में एक अंक का सुधार हुआ है. इसके अतिरिक्त, इस सूची में बांग्लादेश 0.608 एचडीआई के साथ 136वें और पाकिस्तान एचडीआई 0.562 के साथ 150वें स्थान पर है. 

 

भारत के संदर्भ में रिपोर्ट

•    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा के मामले में स्थिति बेहतर हुई है.

•    वर्ष 1990 से 2017 के बीच भारत में जन्म के वक्त जीवन प्रत्याशा में करीब 11 सालों की बढ़ोतरी हुई है.

•    भारत में जीवन प्रत्याशा 68.8 साल है जबकि 2016 में यह 68.6 साल और 1990 में 57.9 साल थी.

•    रिपोर्ट के अनुसार, स्कूली शिक्षा के मामले में भी स्थिति सुधरी है, जबकि 1990 और 2017 के बीच भारत की सकल राष्ट्रीय आय (GNI) प्रति व्यक्ति 266.6 प्रतिशत बढ़ी है.

•    इसके अलावा 189 देशों में से 59 देशों  को उच्च मानव विकास की श्रेणी में, जबकि 38 देशों को  न्यूनतम मानव विकास की श्रेणी में शामिल किया गया है.

•    हालाँकि, असमानताओं के कारण भारत के HDI मान में 26.8 प्रतिशत की कमी हुई है, जो दक्षिण एशियाई पड़ोसियों (क्षेत्र के लिये  औसत नुकसान 26.1 प्रतिशत) के मुकाबले ज्यादा है.

•    इस रिपोर्ट में लैंगिक असमानता सूचकांक के स्तर पर भारत 160 देशों की सूची में 127वें स्थान पर है और बांग्लादेश और पाकिस्तान के मुकाबले बेहतर स्थान हासिल किया है.

रिपोर्ट में व्यक्त भारत के समक्ष चुनौतियां

मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नीति और विधायी स्तर पर प्रगति होने के बावजूद महिलाएं पुरुषों की तुलना में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से कम सशक्त हैं. उदाहरण के रूप में, महिलाओं के हिस्से केवल 11.6 प्रतिशत संसदीय सीटें हैं. 64 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में केवल 39 प्रतिशत वयस्क महिलाएं कम से कम माध्यमिक स्तर तक पहुंची है. श्रम के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कम है. 78.8 पुरुषों की तुलना में केवल 27.2 प्रतिशत महिलाएं हैं. इसके बावजूद भारत इस मामले में अपने पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान से बेहतर है. लिंग असमानता सूचकांक पर 160 देशों में भारत 127वें स्थान पर है.

 

संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक

यह सूचकांक मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों (लंबा एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान तक पहुँच तथा जीवन जीने का एक सभ्य स्तर) द्वारा प्रगति का आकलन करने का एक वैश्विक मानक है. इसे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक द्वारा बनाया गया था, जिसका 1990 में अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा समर्थन किया गया और बाद में इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया गया.

 

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संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक

यह सूचकांक मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों (लंबा एवं स्वस्थ जीवन, ज्ञान तक पहुँच तथा जीवन जीने का एक सभ्य स्तर) द्वारा प्रगति का आकलन करने का एक वैश्विक मानक है. इसे प्रसिद्ध अर्थशास्त्री महबूब-उल-हक द्वारा बनाया गया था, जिसका 1990 में अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन द्वारा समर्थन किया गया और बाद में इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया गया.

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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