अमेरिकी प्रशासन की ओर से प्रतिबंध की चेतावनी के बावजूद भारत और रूस ने 05 अक्टूबर 2018 को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं. इसके अतिरिक्त रूस और भारत के बीच अंतरिक्ष में सहयोग हेतु एक समझौते पर दस्तखत किए गए.
अंतरिक्ष सहयोग में हुए समझौते के तहत, रूस के साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क में भारत एक मॉनिटरिंग सेंटर बनाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ती के दौरान इस समझौते पर मुहर लगाई गई. इसके अतिरिक्त रूस ने भारत के गगनयान मिशन में सहायता दिए जाने का भी भरोसा जताया है.
भारत और रूस के मध्य हस्ताक्षरित 8 समझौते
• भारत के विदेश मंत्रालय और एमईए के मध्य 2019-2023 की अवधि के लिए परामर्श प्रोटोकॉल स्थापित करने हेतु समझौता ज्ञापन.
• रूसी संघ के आर्थिक विकास मंत्रालय और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ट्रांस्फोर्मिंग इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन.
• मानव अंतरिक्ष अभियान हेतु भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी 'रोस्कोमोस' के बीच समझौता ज्ञापन.
• भारतीय और रूसी रेलवे मंत्रालय के मध्य समझौता ज्ञापन.
• परमाणु क्षेत्र में सहयोग क्षेत्रों के प्राथमिकता और कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना.
• परिवहन शिक्षा में विकास सहयोग हेतु रूसी परिवहन मंत्रालय और भारतीय रेलवे के बीच समझौता ज्ञापन.
• सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में सहयोग हेतु भारत के राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) तथा रूसी लघु और मध्यम व्यापार निगम (आरएसएमबी) के मध्य समझौता ज्ञापन.
• रूसी प्रत्यक्ष निवेश निधि (आरडीआईएफ); पीजेएससी फोसाग्रो (फॉसएग्रो) और इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के मध्य उर्वरक क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने हेतु समझौता.
पुतिन-मोदी का संयुक्त संबोधन
• समझौते के उपरांत मीडिया को संबोधित करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत और रूस की मैत्री अद्वितीय रही है.
• पुतिन ने कहा कि पिछले वर्ष दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी और इस वर्ष अब तक 20% वृद्धि देखी गई है.
• पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि रूस की रेलवे कंपनी भारत में अत्याधुनिक रेलवे ट्रैक का निर्माण करेगी.
• रूस भारत को पहले मानव अंतरिक्ष अभियान में सहायता प्रदान करेगा.
• इसके अतिरिक्त, पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि रूस अगले 20 वर्षों में भारत में 12 परमाणु संयंत्र स्थापित करने में सहायता करेगा.
• पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2019 में होने वाले व्लादिवोस्तक आर्थिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया.
भारत के लिए एस-400 प्रणाली का महत्व
भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है. भारत-चीन की लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा के लिए यह महत्वपूर्ण है. चीन के पास पहले से ही एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली है जिसकी आपूर्ति उसे आरंभ भी हो चुकी है. हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
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