भारत ने ‘क्लासिकल स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने का टीका किया विकसित

Feb 5, 2020, 10:49 IST

यह संक्राम बुखार सूअरों हेतु जानलेवा साबित होता है और इससे देश में इनकी संख्या गिर रही है और सालाना अरबों रुपये का नुकसान होता है.

India scientists develops new vaccine to control swine fever in hindi
India scientists develops new vaccine to control swine fever in hindi

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने ‘क्लासिकल स्वाइन फीवर’ को नियंत्रित करने हेतु एक नया टीका विकसित किया है. सरकारी समाचार एजेंसी में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नया टीका सस्ता और अधिक प्रभावी होगा.

क्लासिकल स्वाइन फीवर वैक्सीन (सीएसएफवी) सूअरों में सबसे आम बीमारी है जो भारत में स्वाइन की उच्च मृत्यु दर का कारण बनती है. भारत 1964 से यूके आधारित स्वाइन फीवर वैक्सीन का उपयोग कर रहा है. नए टीके को छह आईवीआरआई वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विकसित किया गया है.

विशेषज्ञों के अनुसार देश में टीकों की दो करोड़ खुराक की वार्षिक आवश्यकता है लेकिन उपलब्धता मात्र 12 लाख खुराक की ही है. पशुपालन और डेयरी विभाग के सचिव अतुल चतुर्वेदी ने टीके के पेशकश किये जाने के बाद कहा कि यह सीएसएफ वैक्सीन काफी सस्ता है और स्थितियों में बदलाव लाने वाला साबित होगा.

स्वदेशी वैक्सीन के महत्व

वैज्ञानिकों ने सैल कल्चर से टीके बनाने की विधि खोज ली है. इस विधि को खोजने के बाद  अब खरगोश को मारने नहीं पड़ेंगे. अब तक जो स्वाइन फीवर का वैक्सीन बाजार में मिलता है उसे खरगोश को मार कर उसकी स्प्लीन से बनाया जाता है. एक खरगोश से मात्र 50 टीके बनाए जा सकते हैं, जबकि जरूरत दो करोड़ टीकों की है.

क्लासिकल स्वाइन फीवर (सीएसएफ) भारत में सूअर की सबसे बड़ी बीमारियों में से एक है. इससे भारत में प्रति वर्ष लगभग 400 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. इससे साल 2019 में सूअरों की आबादी में कमी आई है.

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स्वदेशी वैक्सीन के लाभ

यह टीका खरगोशों की रक्षा करने में मदद करेगा. यह नया टीका दो साल की प्रतिरक्षण क्षमता प्रदान करेगा, जबकि मौजूदा टीके केवल 3 से 6 महीने की प्रतिरक्षण क्षमता प्रदान करते हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, स्वाइन फीवर का मौजूदा घरेलू टीके 15-20 रुपये प्रति खुराक तथा कोरिया से आयातित टीका 30 रुपये प्रति खुराक का है. इसकी तुलना में नया टीका केवल दो रुपये में पड़ता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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