भारत ने 23 फरवरी 2017 को किशोरियों और युवा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण परियोजना 'तेजस्विनी' के लिए विश्व बैंक से 63 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आईडीए ऋण का वित्तीय समझौता किया.
इस समझौते पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव राज कुमार और विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर (भारत) जुनैद कमाल अहमद ने हस्ताक्षर किया.
किशोरियों और युवा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण परियोजना 'तेजस्विनी' की मुख्य विशेषताएं:
• इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जीवन के बुनियादी कौशलों में किशोरियों को सशक्त बनाना है.
• इसका दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य लाभार्थी के रूचि के अनुसार बाजारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण या माध्यम स्तर की शिक्षा को पूरा करने के लिए अवसर प्रदान करना है.
• यह परियोजना 14 वर्ष की किशोरियों से लेकर 24वर्ष की युवा महिलाओं को, उनके माध्यमिक स्तर की शिक्षा को पूरा करने के लिए सहायता प्रदान करेगी.
• यह लड़कियों को नौकरी के लिए उचित कौशलों को प्राप्त करने में भी मदद करेगी.
• परियोजना के तीन प्रमुख घटक हैं– क) सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक अवसरों का विस्तार, ख) गहन सेवा वितरण और ग) राज्य क्षमता निर्माण और कार्यान्वयन समर्थन.
• करीब 6,80,000 किशोरियां और युवा महिलाओँ के इस कार्यक्रम द्वारा लाभान्वित होने की उम्मीद है.
• इस परियोजना के समापन की तिथि 30 जून 2021 है.
अन्य समझौते:
इसी अवसर पर महिला, बाल विकास विभाग, झारखंड के प्रधान सचिव मुखमीत सिंह भाटिया और विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद कमाल अहमद द्वारा भी एक परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किया गया.
इसका उद्देश्य महिला एवं बाल विकास विभाग और झारखंड महिला विकास सोसायटी की संस्थागत क्षमता और पहुंच को मजबूत बनाना है ताकि राज्य में किशोरियों और युवा महिलाओं के लिए सेवाओं का कुशल एवं प्रभावी वितरण संभव हो सके.
यह परियोजना झारखंड के 17 जिलों में चलाई जाएगी. इन 17 जिलों में 14-24 वर्ष के आयु वर्ग में करीब 2.1 मिलियन किशोरियां और युवा महिलाएं हैं, इनमें से 13 प्रतिशत अनुसूचित जातियों और 25 अनुसूचित जनजातियों की हैं.
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