भारत और दुबई वर्ल्ड एक्सपो 2020 ने 10 अप्रैल 2018 को भारत के पेविलियन के संदर्भ में एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये. वर्ल्ड एक्सपो 2020 का आयोजन दुबई में होगा.
यह अनुबंध मनोज के द्विवेदी (वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव) तथा नजीब मुहम्मद अल अली (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, दुबई एक्सपो 2020 ब्यूरो) के मध्य किये गये.
प्रमुख तथ्य
• इस अनुबंध के तहत एक्सपो 2020 में भारत का पेविलियन एक एकड़ क्षेत्र में होगा.
• इस पेविलियन में भारत के अन्तरिक्ष, फार्मा, आईटी, नवीकरणीय ऊर्जा और दूरसंचार क्षेत्र को विशेष रूप से दर्शाया जायेगा.
• यह पेविलियन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत बनाया जायेगा.
• भारत के पेविलियन में केंद्र सरकार, राज्य सरकारें तथा प्रमुख औद्योगिक कम्पनियां भागीदारी करेंगी.
अक्टूबर 2020 से आरंभ होकर अगले छह महीने तक चलने वाले वर्ल्ड एक्सपो 2020 में विभिन्न राज्य सरकारों, मंत्रालयों एवं प्रमुख औद्योगिक इकाईयों ने भागीदारी हेतु अपनी रूचि जाहिर की है.
भारत ने वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव, बिनॉय कुमार को वर्ल्ड एक्सपो 2020 दुबई का डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया है.
महत्व
दुबई एक्सपो में भारत का पेविलियन लगने का अर्थ है कि भारत की अर्थयवस्था को इससे काफी लाभ प्राप्त हो सकता है. भारत द्वारा वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की इकॉनमी बनने का लक्ष्य निर्धरित किया गया है. इस एक्सपो से इस लक्ष्य को हासिल करने में सहायता मिल सकती है.
इसके अतिरिक्त, भारत के पेविलियन से यूएई के बाज़ार को भी खंगाला जा सकता है. यहां के बाज़ार में भारतीय कम्पनियों के लिए अपनी पैठ बनाने का यह सुनहरा अवसर हो सकता है. भारत की आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी, अन्तरिक्ष तथा हरित उर्जा संबंधी कम्पनियों के लिए यह एक बेहतर अवसर साबित हो सकता है.
वर्ल्ड एक्सपो 2020 दुबई
यह एक्सपो 20 अक्टूबर 2020 से 21 अप्रैल 2021 तक दुबई में आयोजित हो रहा है. हर पांच साल में होने वाला यह एक्सपो इससे पहले 2015 में इटली और 2010 में शंघाई में हुआ था. भारत शंघाई के एक्सपो में भी शिरकत कर चुका है लेकिन पिछले एक्सपो में भारत इसका हिस्सा नहीं बना था. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने इसमें शिरकत करने का फैसला किया है. एक्सपो में इंडिया पवेलियन में 80 प्रतिशत स्टॉल सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के होंगे. अन्य 20 प्रतिशत विभिन्न क्षेत्रों के निर्यातकों यानी निजी क्षेत्र से होंगे
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