भारत ने 27 जनवरी 2021 को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के साथ रणनीतिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस योजना का मुख्य उद्देश्य वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और उसे भरोसेमंद बनाने में सहयोग को मजबूत बनाना है.
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी से सदस्य देश एक-दूसरे के बीच जानकारी का व्यापक रूप से आदान-प्रदान कर सकेंगे. साथ ही यह समझौता भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का पूर्ण सदस्य बनने की दिशा में एक और अहम कदम होगा.
मुख्य बिंदु
• बयान के मुताबिक, ‘‘आईएए सदस्यों और भारत सरकार के बीच रणनीतिक भागीदारी के लिये रूपरेखा पर 27 जनवरी 2021 को हस्ताक्षर किये गये.
इस समझौते के तहत सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास, मजबूत सहयोग और वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा, स्थिरता और टिकाऊपन को बढ़ावा मिलेगा.
• समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भारत की तरफ से ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय और आईईए की ओर से कार्यकारी निदेशक डॉ. फतिह बिरोल ने हस्ताक्षर किए.
• बयान के मुताबिक, रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा को भारत और आईईए के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा जिसमें भारत की भूमिका और साझेदारी से मिलने वाले फायदे धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे.
• आईइए सचिवालय भारत में आपसी सहयोग बढ़ाने वाली गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार होगा.
• इसके अतिरिक्त एजेंसी के सदस्यों और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी तय करने का काम भी आईईए करेगी.
• भारत सरकार समझौते के मुताबिक ऊर्जा क्षेत्र में रणनीतिक और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने वाले आवश्यक कदम उठाएगी.
रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा
रणनीतिक साझेदारी की रूपरेखा को भारत और आईईए के सदस्यों द्वारा तय किया जाएगा. इसमें भारत की भूमिका और साझेदारी से मिलने वाले फायदे धीरे-धीरे बढ़ाए जाएंगे. इसके तहत स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण कार्यक्रम (सीईटीपी) जैसे ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ और सतत ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, भारत में पेट्रोलियम भंडारण क्षमता को बढ़ाना, भारत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार देने से कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी: एक नजर में
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त संगठन है. इसके वर्तमान में 30 सदस्य देश तथा 8 सहयोगी देश है. इसकी स्थापना (वर्ष 1974 में) वर्ष 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी. इसका मुख्य उद्देश्य तेल की आपूर्ति में प्रमुख बाधाओं के सामूहिक प्रतिक्रिया का समन्वय कर मुख्य रूप से अपने 29 सदस्य देशों को विश्वसनीय, न्यायोचित और स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करना है. आईईए के चार प्रमुख क्षेत्र ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक विकास, पर्यावरणीय जागरुकता और विश्व में ऊर्जा के प्रति वचनबद्धता हैं.
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