रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय सेना के लिए 12 जनवरी 2017 को चांदीपुर परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण किया किया. यह नेविगेशन आधारित गाइडेड रॉकेट है जिसे कंट्रोल किट की सहायता से ऑपरेट किया जा सकता है.
नए रूप में पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता में पहले की तुलना में वृद्धि हुई है तथा यह सटीक लक्ष्य भेदने में भी पहले की तुलना में कारगर साबित हुआ है. परीक्षण के दौरान निर्देशित पिनाका ने मिशन के सभी लक्ष्यों को हासिल किया. परीक्षण के दौरान पिनाका की सभी प्रणालियों पर कड़ी नजर रखी गयी.
पिनाका गाइडेड रॉकेट
• डीआरडीओ के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट विभाग द्वारा विकसित पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्च सिस्टम पर आधारित है.
• पिनाका की मारक क्षमता 60 किलोमीटर की दूरी तक है. यह साढ़े तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ दुश्मन के कई ठिकानों को नष्ट कर सकती है.
• यह रॉकेट 44 सेकंड में बारह रॉकेट दागने में सक्षम है.
• इसमें एंटी राडार सिस्टम भी लगाया गया है जिससे यह दुश्मन की पहुंच से बच कर निकल सकता है.
• इससे पहले जनवरी 2017 के पहले सप्ताह में राजस्थान के सीमांत जैसलमेर जिले की पोखरण परीक्षण रेन्ज में विकसित किये गये पिनाका मार्क-दो मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था.
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