भारत सौर ऊर्जा के मामले में 2017 में तीसरा सबसे बड़ा बाजार के रूप में उभरा है. भारत सौर ऊर्जा के मामले में चीन तथा अमेरिका से पीछे है. मरकॉम कम्युनिकेशंस इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह बात कहा.
उद्देश्य |
विश्व में अमेरिका और चीन के बाद बिजली की खपत वाले तीसरे बड़े देश भारत ने वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट हरित ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. इसमें सौर ऊर्जा का हिस्सा सौ गीगावॉट होगा. यही वजह है कि अब विदेशी कंपनियों की निगाहें भी इस क्षेत्र पर टिकी हैं. |
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:
• रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2017 में तीसरा सबसे बड़ा सौर बाजार के रूप में उभरा है. वर्ष 2010 से संचयी रूप से करीब 170 प्रतिशत बढ़ा है.
• भारत ने वर्ष 2017 में रिकार्ड 9600 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं लगायी. यह वर्ष 2016 में 4300 मेगावाट के मुकाबले दोगुने से अधिक है.
• रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मजबूत वृद्धि से देश की सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता दिसंबर 2017 की स्थिति के अनुसार 19,600 मेगावाट हो गयी.
• वर्ष 2017 में बड़ी कंपनियों ने एकीकरण शुरू किया क्योंकि भारत आपूर्तिकर्ताओं और वेंडरों के लिये दुनिया में एक महत्वपूर्ण सौर बाजारों के रूप में उभरा है.
• देश में छतों पर लगने वाली कुल 1600 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं में से 995 मेगावाट की स्थापना पिछले साल की गयी.
मरकॉम कम्युनिकेशंस इंडिया:
मरकॉम कम्युनिकेशंस इंडिया वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा परामर्श कंपनी मरकॉम कैपिटल ग्रुप की इकाई है.
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पृष्ठभूमि:
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए अब विदेशी कंपनियों की निगाहें भी भारत पर हैं. वर्ष 2035 तक देश में सौर ऊर्जा की मांग सात गुनी बढ़ने की संभावना है. भारत में बीते एक दशक के दौरान बढ़ती आबादी, आधुनिक सेवाओं तक पहुंच, विद्युतीकरण की दर तेज होने और सकल घरेलू आय (जीडीपी) में वृद्धि की वजह से ऊर्जा की मांग काफी बढ़ी है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस मांग को सौर ऊर्जा के जरिए आसानी से पूरा किया जा सकता है.
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