Nuclear Power Plants: भारत कर रहा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स का विस्तार, पांच नई साइटों को दी गई मंजूरी
India’s Nuclear Power Programme: हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में क्लीन एनर्जी के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने हाल ही में पांच नए यूक्लियर पॉवर प्लांट्स साइट को मंजूरी दी है. इस पहल से देश की यूक्लियर पॉवर क्षमता में वृद्धि होगी. जानें भारत के यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम के बारें में

India’s Nuclear Power Programme: हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में क्लीन एनर्जी के प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए और यूक्लियर पॉवर प्लांट्स स्थापित करने की योजना बना रहा है. सरकार ने हाल ही में पांच नए यूक्लियर पॉवर प्लांट्स साइट को मंजूरी दी है. इस पहल से देश की यूक्लियर पॉवर ऊर्जा क्षमता में वृद्धि होगी.
यह पहल भारत के न्यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम के तहत की जा रही है. साथ ही सरकार ने 10, 700 मेगावाट क्षमता वाले हैवी वाटर रिएक्टरों के निर्माण के लिए फाइनेंसियल सपोर्ट को भी हरी झंडी दी गयी है.
The Statesman: Govt to set up more nuke plants to augment production of clean energy#RajyaSabha #AtomicEnergy https://t.co/1ilJIRHPXu
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) December 9, 2022
यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम का उद्देश्य:
यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य देश की उर्जा जरूरतों को पूरा करना है. साथ ही इसकी मदद से देश के थोरियम रिज़र्व का उपयोग ऊर्जा उत्पादन में किया जा सके. इसकी मदद से देश में एक स्थायी ऊर्जा ढांचा का विकास भी संभव हो सकेगा.
भारत का न्यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम:
भारत ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में 3-फेज में यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम को तैयार किया है. भारत के पास यूरेनियम भंडार बहुत कम मात्रा में है लेकिन देश में थोरियम रिज़र्व अधिक मात्रा में है.
भारत का 3-फेज में यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम की शुरुआत वर्ष 1954 में की गयी थी. भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक होमी जे भाभा ने भारत के 3-फेज परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को तैयार किया था.
भारत का 3-फेज न्यूक्लियर पॉवर प्रोग्राम:
स्टेज -1: दाबित (Pressurized) हावी वाटर रिएक्टर प्राकृतिक यूरेनियम पर आधारित होते हैं जिनमें 99.3% U-238 और 0.7% U-235 होते हैं. इसके स्टेज में बायप्रोडक्ट के रूप में प्लूटोनियम (pu)- 239 का निर्माण होता है जिसका उपयोग स्टेज 2 में किया जाता है.
स्टेज- 2: यह फास्ट ब्रीडर रिएक्टर मुख्य रूप से प्लूटोनियम पर आधारित होते हैं. इसके बाद थोरियम (Th-232) को विखंडनीय यूरेनियम U-233 में परिवर्तित किया जाता है.
स्टेज- 3: इस स्टेज में थर्मल ब्रीडर रिएक्टर U-233 का उपयोग किया जाता है जो कि थोरियम-232 का उपयोग करके स्टेज- 2 में उत्पादित किया जाता है. थोरियम भी रेडियोएक्टिव मटेरियल नहीं है और इसलिए विखंडनीय नहीं होता है.
भारत के यूक्लियर पॉवर स्टेशन:
पॉवर प्लांट | राज्य |
रावतभाटा | राजस्थान |
कुडनकुलम | तमिलनाडु |
काकरापार | गुजरात |
नरौरा | उत्तर प्रदेश |
कैगा | कर्नाटक |
तारापुर | महाराष्ट्र |
कलपक्कम | तमिलनाडु |
भारत का थोरियम रिज़र्व:
भारत में लगभग 400 हजार टन थोरियम रिज़र्व है, जो ग्लोबल थोरियम रिज़र्व का लगभग 25% है. यह एक विखंडनीय पदार्थ (fissile material) नहीं है, लेकिन इसे यूरेनियम- 233 में कन्वर्ट करके इसका उपयोग न्यूक्लियर पॉवर के रूप में किया जा सकता है.
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