भारत और अमेरिका ने 12 अप्रैल 2016 को महत्वपूर्ण सैन्य सहयोग समझौता किया. इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामान और सैन्य ठिकानों का प्रयोग मरम्मत और आपूर्ति के लिए कर सकेंगी.
• समझौता रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारत दौरे पर आए अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर के बीच हुआ.
• कुछ ही हफ्ते में दोनों देश समझौते पर हस्ताक्षर कर देंगे.
• इस समझौते से दोनों देशों की सेनाओं को बेहतर तरीके से अभ्यास के साथ अन्य क्षेत्रों में समन्वय स्थापित करने में सहयोग मिलेगा.
• समझौते के बाद दोनों एक-दूसरे को आसानी से ईंधन बेच सकेंगे या भारत को कलपुर्जे मुहैया कराए जा सकेंगे.
दोनों देशों के बीच के मुख्य बिंदु-
• रक्षा सहयोग प्रगाढ़ होगा.
• पनडुब्बी रोधी युद्ध और पनडुब्बी सुरक्षा में नौवहन सहयोग पर सहमति
• पनडुब्बी से संबंधित मुद्दों पर नौसेना स्तर की वार्ता को मजबूत करने का फैसला
• भविष्य में व्हाइट शिपिंग समझौता कर समुद्री क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाएंगे
• सामरिक पहल के तहत सामरिक जैविक अनुसंधान इकाई स्थापित की जाएगी
दोनों देशों के बीच दक्षिण चीन सागर पर चर्चा
• दोनों देशों के साझा बयान में कहा गया कि दक्षिण चीन सागर समेत सभी क्षेत्रों में समुद्री आवागमन और हवाई उड़ानों स्वतंत्रता होनी चाहिए.
• चीन का इस क्षेत्र में कई पड़ोसी देशों से विवाद चल रहा है.
अमेरिका ने भारत में लड़ाकू विमान बनाने का प्रस्ताव दिया
• अमेरिका ने मेक इन इंडिया के तहत भारत में लड़ाकू विमान का प्रस्ताव भी दिया है. इसमें एफ-16 और एफ-18 लड़ाकू विमान भारत में विनिर्मित करने के प्रस्ताव हैं.
भारत ने पाक को एफ-16 की बिक्री पर आपत्ति व्यक्त की
• भारत ने कार्टर के समक्ष पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री का मुद्दा पर चर्च की और विरोध व्यक्त किया. हालांकि कार्टर ने स्पष्टी किया कि आतंकवाद रोधी अभियान के तहत यह बिक्री की गई है.
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