भारत ने 16 अप्रैल 2018 को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एनजीओ समिति समेत आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) की छह संस्थाओं के चुनाव में जीत दर्ज की है. इनमें से पांच में भारत को निर्विरोध चुन लिया गया.
भारत का कार्यकाल जनवरी 2019 से शुरू होगा. भारत ने यूएन कार्यकारी बोर्ड की अन्य अहम सीटों जैसे यूएन विकास कार्यक्रम, यूएन जनसंख्या निधि और यूएन ऑफिस फॉर प्रोजेक्ट सर्विस के लिए हुए चुनाव में भी जीत दर्ज की है. इनका कार्यकाल तीन साल का है.
वोट:
भारत ने इसमें अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा 46 वोट हासिल किए. समिति के लिए चुने गए पाकिस्तान को 43 और चीन को 39 वोट मिले.
संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी):
• संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) सतत विकास के तीन आयामों (आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण) के लिए काम करता है.
• विश्व के 193 देश ईसीओएसओसी के सदस्य हैं.
एनजीओ समिति:
• यूएन की एनजीओ समिति को बहुत प्रभावशाली माना जाता है क्योंकि यह सलाह देने के साथ गैर सरकारी संगठनों के कामकाज पर नजर रखती है.
• किसी गैर सरकारी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार भी इस समिति के पास है.
• एनजीओ समिति को काफी प्रभावशाली माना जाता है, क्योंकि वह ईकोसोक में परामर्श दर्जे के लिए आवेदन करने वाले एनजीओ की बारीकी से जांच करता है, जिसके बाद समिति या तो उसकी सिफारिश करती है, या उसे प्रतिबंधित करती है.
• भारत इस समिति में चार साल तक अपनी सेवाएं देगा.
भारत तुरंत ही जनसंख्या और विकास आयोग में अपने कार्यकाल की शुरुआत करेगा, जो सितंबर 2021 में समाप्त होगा.
भारत समेत 18 देशों को सफलता मिली
आर्थिक और सामाजिक परिषद का चुनाव भारत समेत 18 देशों ने जीता है. जापान के बाद एशिया प्रशांत वर्ग में भारत को सबसे ज्यादा 183 वोट मिले. ईसीओएसओसी में निर्वाचन से एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय कानून की विशेषज्ञ नीरू चड्डा ने समुद्री कानून के अंतरराष्ट्रीय पंचाट का चुनाव जीता था.
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