भारत ने 08 मई 2018 को राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए विश्व बैंक के साथ 200 मिलियन डॉलर के ऋण पत्र पर हस्ताक्षर किए. यह धनराशि 0-6 साल के आयु वर्ग में बौनापन को कम करने के भारत सरकार के लक्ष्य वर्ष 2022 तक 38.4 प्रतिशत को कम करके 25 प्रतिशत करने में सहायता प्रदान करेगी.
राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोशन अभियान) क्या है और ऋण इसका मदद कैसे करेगा?
- राष्ट्रीय पोषण मिशन को पोशन अभियान भी कहा जाता है. पोषण अभियान का मुख्य तत्व विश्व बैंक द्वारा सहायता वाली एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) को मजबूत करना तथा बेहतर पोषण परियोजना को देश के सभी जिलों में लागू करना है.
- प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2018 को झूंझुनू, राजस्थान में पोषण अभियान को लांच किया था.
- यह अभियान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 315 जिलों में चलाया जाएगा.
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आईसीडीएस योजना के तहत स्तनपान कराने वाली महिला तथा 3 वर्ष तक के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण प्रदान किया जाता है.
राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) का उद्देश्य |
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राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र:
• इस परियोजना में पोषण आधारित सभी योजनाओं को शामिल कर दिया जाएगा तथा प्रदर्शन के आधार पर राज्यों, समुदायों, स्वास्थ्य कर्मियों आदि को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा.
• यह कार्यक्रम लक्ष्यों के माध्यम से बौनापन, अल्पपोषण, रक्त की कमी और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों के स्तर में कमी लाने का प्रयास करेगा.
• महिलाओं को 1000 कैलोरी तथा बच्चों को 600 कैलोरी उपलब्ध कराने पर काम किया जा रहा है.
• इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु भोजन की पोषकता, स्तनपान के माध्यम से स्थायी समाधान, आहार विविधीकरण, मिशन इंद्रधनुष के माध्यम से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार, निगरानी को उच्चस्तरीय बनाना आदि उपायों पर ज़ोर दिया गया है.
पृष्ठभूमि:
राष्ट्रीय पोषण मिशन के माध्यम से कुपोषण से निपटने के लिए विभिन्न मंत्रालयों में चल रहे विविध कार्यक्रमों एवं योजनाओं में समन्वय स्थापित करने के साथ ही उनके लिए लक्ष्य निर्धारण में मदद मिलेगी.
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