भारतीय वायुसेना को 11 मई 2019 को अपना पहला लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन मिल गया है. इस हेलीकॉप्टर का निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है. भारतीय वायुसेना को इससे पहले चिनूक हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर मिल चुका है.
अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल करना भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर बेडे़ के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस हेलीकॉप्टर के शामिल होने से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी.
अपाचे हेलीकॉप्टर किस-किस देश के पास:
अमेरिका के अलावा कई देश अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं. यह हेलीकॉप्टर इजरायल, मिस्त्र और नीदरलैंड की सेनाओं के पास भी है. अमेरिका ने अपाचे हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक करता है. यह हेलीकॉप्टर एक साथ कई तरह के काम करने में सक्षम है.
अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली उड़ान:
इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी सेना के एडवांस अटैक हेलिकॉप्टर प्रोग्राम हेतु बनाया गया था. इसने पहली उड़ान साल 1975 में भरी थी. इसे साल 1986 में अमेरिकी सेना में शामिल किया गया था. यह विश्व में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला अटैक हेलीकॉप्टर है.
अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत:
• बोइंग एएच-64 ई अपाचे को विश्व का सबसे ताकतवर ओर खतरनाक हेलीकॉप्टर माना जाता है. इस हेलीकॉप्टर से सटीक हमले किये जा सकते हैं.
• इस हेलीकॉप्टर में सटीक मार करने तथा जमीन से उत्पन्न खतरों के बीच प्रतिकूल हवाईक्षेत्र में परिचालित होने की क्षमता है. हेलीकॉप्टर के दोनों ओर 30 एमएम की दो गन लगी हैं.
• यह हेलिकॉप्टर लगभग 293 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. इस हेलिकॉप्टर में चालक दल के दो सदस्य होते हैं.
• यह हेलिकॉप्टर लगभग 21000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इस हेलीकॉप्टर को रडार से पकड़ना बहुत ही मुश्किल है.
• इस हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं. इसके अतिरिक्त इस हेलीकॉप्टर में हेलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइलें लगी हैं.
• यह हेलीकॉप्टर किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है.
• भारत की जरूरत के हिसाब से इस हेलीकॉप्टर में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है. इसमें लगे अचूक मिसाइलें और रॉकेट जमीन पर मौजूद दुश्मनों की फौज तथा सैन्य दस्तों को तबाह करने की क्षमता रखता हैं.
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पृष्ठभूमि:
भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए अमेरिका सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अरबों डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. इन हेलीकॉप्टरों की पहली खेप जुलाई 2019 तक भारत भेजे जाने का कार्यक्रम है.
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