आस्ट्रेलिया की वायुसेना द्वारा आयोजित बहुराष्ट्रीय वायुसैनिक अभ्यास पिच ब्लैक-2018 में भारत वायुसेना पहली बार भाग लेने जा रहा है.
इस वायुसैनिक अभ्यास में भारत अपना लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के अलावा हक्र्यूलस और ग्लोब मास्टर विमानों को भी उतार रहा है.
यह युद्धाभ्यास 27 जुलाई 2018 से 17 अगस्त 2018 तक चलेगा.
यह पहला अवसर है जिसमें भारतीय वायुसेना दल रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयरफोर्स के साथ ऑस्ट्रेलिया में बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास में भाग ले रहा है.
पूरे विश्व के 100 से अधिक विमान इस अभियास कार्यक्रम में शामिल होंगे और वायु योद्धाओं को युद्ध जैसी परिस्थिति में संचालन का अनूठा अवसर प्रदान करेंगे.
महत्व:
- राष्ट्रमंडल देशों के सदस्यों के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हमेशा से अच्छे द्विपक्षीय संबंध रहे हैं. दोनों देशों की वायु सेनाओं ने दूसरे विश्व युद्ध में भाग लिया था.
- एसयू -30 एमकेआई विमान ने समुद्र पार करके हमारी रणनीतिक पहुंच और व्यावसायिकता को प्रदर्शित किया है.
- गगन शक्ति अभ्यास 2018 के तहत भारतीय वायुसेना ने इंडोनेशिया और मलेशिया की वायु सेनाओं के साथ अभ्यास किया था. अब भारतीय वायुसेना ऑस्ट्रेलिया की वायुसेना के साथ पहली बार पिच ब्लैक-18 अभ्यास में भाग ले रही है। यह भारतीय वायुसेना की क्षमता को दर्शाता है.
पिच ब्लैक युद्धाभ्यास:
- पिच ब्लैक युद्धाभ्यास रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना (आरएएएफ) द्वारा आयोजित एक द्विवार्षिक रोजगार युद्ध अभ्यास है.
- भारतीय वायुसेना के मुताबिक दल पश्चिम बंगाल में वायुसेना स्टेशन, कालीकुंडा में इकट्ठा होगा और 27 जुलाई 2018 को इंडोनेशिया के रास्ते से अभ्यास के लिए प्रस्थान करेगा. दल का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन सीयूवी राव करेंगे.
- इस दौरान आइएएफ की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नियंत्रित वातावरण में अनुरूपित वायु युद्ध अभ्यास और सर्वोत्तम प्रथाओं के आपसी आदान-प्रदान का लक्ष्य रखेगा.
भारत से ऑस्ट्रेलिया की उड़ान:
भारत से ऑस्ट्रेलिया की उड़ान के दौरान, सुखोई -30 एमकेआइ जेट आइएल -78 टैंकर विमान के साथ एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग करेंगे. पहली बार सुखोई-30 हवा में एमकेआई विमान आरएएएफ के केसी-30 ए टैंकर विमान द्वारा हवा में रिफ्यूलिंग करेगा.
अभ्यास गतिशील युद्ध वातावरण में विभिन्न देशों के साथ ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा. बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास में भागीदारी इंडोनेशियाई और मलेशियाई वायु सेनाओं के साथ आइएएफ की निरंतर भागीदारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.
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