वायु सेना ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 26 सितंबर 2018 को देश में ही बनी हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल का सुखोई-30 लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल दृष्टि सीमा से आगे तक मार करने में सक्षम है.
अस्त्र को सेना में शामिल किये जाने से पहले के अंतिम चरण के परीक्षणों का हिस्सा होने के कारण इस परीक्षण की सफलता को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अस्त्र मिसाइल को देश में ही निर्मित और विकसित किया गया है.
अस्त्र मिसाइल का परीक्षण |
|
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और सहयोगी टीम सदस्यों के प्रयासों की सराहना की जो इस मिशन में शामिल थे. उन्होंने कहा कि उन्नत हथियार प्रणाली के स्वदेशी डिजाइन और विकास में भारत ने उच्च स्तर की क्षमता हासिल कर ली है.
अस्त्र मिसाइल की विशेषताएं
• अस्त्र मिसाइल दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है.
• यह हवा से हवा में मार करने वाला भारत द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है.
• यह उन्नत प्रक्षेपास्त्र लड़ाकू विमान चालकों को 80 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों पर निशाना लगाने और मार गिराने की क्षमता देता है.
• रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने प्रक्षेपास्त्र को मिराज 2000 एच, मिग 29, सी हैरियर, मिग 21, एच ए एल तेजस और सुखोई एसयू-30 एमकेआई विमानो में लगाने के लिए विकसित किया है.
• यह ठोस ईंधन प्रणोदक इस्तेमाल करती है हालांकि डीआरडीओ इसके लिये आकाश प्रक्षेपास्त्र जैसी प्रणोदन प्रणाली विकसित करना चाहती है.
• प्रक्षेपास्त्र पराध्वनि गति से लक्ष्य विमान अवरोधन करने में सक्षम है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation