नासा ने अपने अंतरिक्ष मिशन हेतु 12 नए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है. इन नए अंतरिक्षयात्रियों में एक भारतीय अमेरिकी का भी नाम है. नासा ने इन 12 नए अंतरिक्षयात्रियों का चयन 18300 आवेदकों में से किया है.
इन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन धरती की कक्षा से गहरे अंतरिक्ष में अध्ययन हेतु किया गया है. नासा के अनुसार इन चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. नासा के अनुसार नए अंतरिक्ष यात्री अगस्त महीने से अंतरिक्ष यान प्रणाली, स्पेसवाकिंग स्किल्स, टीमवर्क, रूसी भाषा तथा अन्य जरूरतों का प्रशिक्षण लेंगे.
प्रशिक्षण के बारे में-
- नासा के अनुसार "दो साल का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद नए अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवारों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में मिशन से संबंधित शोध कार्य में लगाया जा सकता है."
- "अमेरिका में पहले से कहीं अधिक संख्या में मानव अंतरिक्ष यानों का विकास हो रहा है, भविष्य के अंतरिक्ष यात्री लोगों को पहले से कहीं अधिक तेजी से अंतरिक्ष में ले जाएंगे."
- नासा द्वारा चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में 7 पुरुष और 5 महिलाएं हैं. पिछले 20 वर्षों में सबसे बड़े ग्रुप का अंतरिक्ष मिशन पर जाने हेतु चयन किया गया है. चुने गए 12 लोगों में 6 सेना के अधिकारी, 3 वैज्ञानिक, 2 मेडिकल डॉक्टर और एक स्पेसएक्स का इंजीनियर है.
- इसके अलावा इस टीम में एक नासा का रिसर्च पायलट भी होगा. इन चुने गए लोगों में एक भारतीय अमेरिकी भी हैं उनका नाम राजा गिरिंदरचारी है.
लेफ्टिनेंट कर्नल राजा ग्रिंदरचारी के बारे में-
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजा ग्रिंदरचारी 39 साल के हैं.
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजा ग्रिंदरचारी 461वें फ्लाइट टेस्ट स्कवाड्रन के कमांडर और कैलिफोर्निया में एडवर्ड एयरफोर्स बेस पर एम 35 इंटीग्रेटेड टेस्ट फोर्स के डायरेक्टर भी हैं. चारी वाटरलू में रहते हैं और उन्होंने एमआईटी से एयरोनॉटिक्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी.
- इसके अलावा उन्होंने यूएस नेवल टेस्ट पायलट स्कूल से ग्रेजुएशन किया है. लेफ्टिनेंट कर्नल राजा ग्रिंदरचारीरी के पिता भारतीय हैं.
नासा का उद्देश्य-
- नासा अंतरिक्ष एजेंसी का उद्देश्य चंद्रमा के चारों ओर कक्षा में क्रू लॉन्च करने का है. इसके साथ ही नासा मंगल ग्रह के मिशन पर भी विचार किया जा रहा है.
- जिसे जॉन कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा.
- रॉकेट का परीक्षण पहली बार बिना किसी चालक दल के साल 2019 में किया जाएगा, जबकि चालक दल के साथ लगभग 2022 में इसकी लॉन्चिंग की जाएगी.
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