भारतीय सेना ने 02 मई 2017 को जमीन से जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के नए ब्लॉक-तीन संस्करण का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण अंडमान एवं निकोबार द्वीप में किया गया.
यह मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल का आधुनिक संस्करण है. ब्रह्मोस मिसाइल को सुखोई-30 फाइटर एयरक्राफ्ट और शिप से दागा जा सकता है. भारतीय सेना ने मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण किया.
ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल ब्लॉक-तीन संस्करण
• यह क्रूज मिसाइल किसी भी प्रकार के हथियारों पर लगाए गए निशाने के पर घातक वार करती है.
• यह किसी भी गतिशील लक्ष्य को आसानी से निशाना बना सकती है.
• यह किसी भी शक्तिशाली राडार की नज़र से बच निकलने में सक्षम है. ब्रह्मोस मिसाइल को अमेरिका की टॉम-हॉक मिसाइल से दो गुना तेज बताया जाता है.
• ये विश्व की एकमात्र ऐसी मिसाइल है जिसे झुके हुए अथवा सीधे दोनों ही अवस्था में दागा जा सकता है.
• इसे कम ऊँचाई से भी निशाने पर छोड़ा जा सकता है.
• ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30 फाइटर एयरक्राफ्ट और शिप से भी दागी जा सकती है.
• यह इस मिसाइल का चौथा सफल परीक्षण था. अब मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर से बढ़ाकर 450 किलोमीटर कर दी गयी है.
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