
आईएनएएस हंस, गोवा में आयोजित एक समारोह में भारतीय नौसेना एयर स्क्वायड्रन (आईएनएएस 300) के सी-हैरियर विमानों को विदाई दी गई. उसके स्थान पर मिग-29के लड़ाकू विमान शामिल किए गए हैं.
- आईएनएएस 300 ने 33 वर्षों तक भारतीय नौसेना को अपनी सेवाएं दी.
- अपनी विशिष्टता, दृढ़ता और आक्रमकता के लिए विख्यात वाइट टाइगर्स या आईएनएएस 300 का आगमन भारतीय नौसेना में वाहक उड्डयन के रूप में हुआ.
- 6 दशक पहले आईएएनएस 300 ब्राउड्री में इसे कमीशन किया गया और वाइट टाइगर्स लोगों के साथ सी-हॉक विमान से लैस किया गया.
- दो दशकों तक उल्लेखनीय सेवा के बाद 1983 में स्क्वायड्रन को सी-हैरियर के साथ लगाया गया.
- यह प्रमुख वाहक लड़ाकू स्क्वायड्रन भारतीय नौसेना में प्रतिष्ठित स्थान रखता है. इसे एक महावीर चक्र, चार वीर चक्र तथा एक नौसेना पदक प्रदान किया जा चुका है.
- विदाई के अवसर पर इन विमानों ने अंतिम उड़ानें भर कर प्रदर्शन किया.
- इस विमान का स्थान नया और घातक मिग-29के से लैस नए स्क्वायड्रन ने लिया है.
- एडमिरल आर.के. धोवन ने देश की रक्षा में स्क्वायड्रन द्वारा निभाई गई भूमिका
- बैटन मिग-29के स्क्वायड्रन को सौंपा.
- मिग-29के स्क्वायड्रन ने सबसे कम समय में आईएनएस विक्रमादित्य के साथ लड़ाकूओं का एकीकरण किया.
- आईएनएएस 300 ‘वाइट टाइगर्स’ के सम्मान में एक विशेष समारोह हुआ जिसमें सी-हैरियर विमानों ने अंतिम रूप से उड़ान भारी. अंतिम प्रदर्शन में उनके किनारे मिग-29के लड़ाकू विमान थे.
- समारोह में मिग-29के द्वारा सुपरसोनिक पास तथा दो-दो सी-हैरियर तथा मिग-29के विमानों का फॉरमेशन फ्लाइंग भी दिखाया गया.
- समारोह में आईएनएएस 300 की गौरवशाली परंपरा के अनुसार पुराने की जगह नए के स्थान लेने का संकेत प्रदान किया गया.
- वायु प्रदर्शन के बाद परंपरागत रूप से सी-हैरियर वासिंग डाउन कार्यक्रम हुआ.
- एडमिरल आर.के. धोवन ने इस अवसर पर फस्ट डे कवर जारी किया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation