स्कॉर्पीन क्लास की चौथी पनडुब्बी आइएनएस वेला लॉन्च, जाने इसकी खासियतें

May 7, 2019, 10:04 IST

मुंबई के मझगांव डोकयार्ड में इस पनडुब्बी को लॉन्च किया गया. देश में प्रोजेक्ट 75 के तहत लॉन्च की गई इस श्रेणी की यह चौथी पनडुब्बी है. इससे पहले जनवरी 2019 में नौसेना ने करंज को लॉन्च किया था.

Indian Navy launches fourth Scorpene class submarine ‘INS Vela’
Indian Navy launches fourth Scorpene class submarine ‘INS Vela’

भारतीय नौसेना ने 06 मई 2019 को चौथी स्कॉर्पीन पनडुब्बी आइएनएस वेला को मुंबई के मजगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में लॉन्च किया. इससे पहले जनवरी 2019 में नौसेना ने करंज को लॉन्च किया था. इस पनडुब्बी के आने से देश की नौसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा.

वेला पनडुब्‍बी को नौका-सेतू से उसे अलग करने के लिए मुम्‍बई पोर्ट ट्रस्‍ट लाया गया. पनडुब्‍बी का बंदरगाह और समुद्र में कठिन परीक्षण और जांच की जायेगी, उसके बाद ही इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जायेगा.

'वेला' चौथी पनडुब्बी:

भारत कुल 6 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों को पानी में उतारने वाला है जिनमें से 'वेला' चौथी है. रिपोर्ट्स के अनुसार, बाकी बची दो पनडुब्बियां, आइएनएस वागीर और आइएनएस वागशीर पर काम चल रहा है और जल्द ही इन्हें भी समुंद्र में उतारा जाएगा.

रक्षा मंत्रालय के इस महत्वाकांक्षी सामरिक साझेदारी मॉडल के तहत नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पनडुब्बियां हासिल करने में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इन कंपनियों में अडानी डिफेंस, लार्सन एंड टुब्रो और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड शामिल हैं.

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स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां डीजल-इलेक्ट्रिक से चलने वाली पनडुब्बियों का एक वर्ग है. स्‍कॉर्पिन वर्ग की छह पनडुब्बियों के निर्माण और तकनीक हस्‍तांतरण के लिए फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप को सहयोगी कंपनी के रूप में ठेका दिया गया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड कर रही है. यह डीजल प्रपल्शन और एक अतिरिक्त एयर-इंडिपेंडेंट प्रपल्शन (एआईपी) होता है. इस क्लास की पनडुब्बी विभिन्न प्रकार के मिशन में हिस्सा ले सकती है जिसमें एंटी सर्फेस वॉर, एंटी सबमरीन वॉर, इंटेलीजेंस गैदरिंग, माइन लगाना आदि शामिल हैं.

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी की खासियतें

स्‍कॉर्पिन वर्ग की पनडुब्बियां किसी आधुनिक पनडुब्बी के सभी कार्य करने में सक्षम है, जिसमें एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन युद्ध शामिल है. स्‍कॉर्पिन परियोजना तथा तकनीकी हस्‍तांतरण के अनुभव और उन्‍नत इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ एमडीएल भविष्‍य में और पनडुब्‍बी निर्माण का कार्य करने को तैयार है.

सभी पनडुब्बियां 67.50 मीटर लंबी और 12.30 मीटर ऊंची हैं. पानी के अंदर 37 किलोमीटर प्रति घंटे (20 समुद्री मील) और पानी के ऊपर 20 किलोमीटर प्रति घंटे (11 समुद्री मील) की रफ्तार से ये सफर कर सकती हैं. यें 35 नाविकों और आठ अधिकारियों के चालक दल को साथ ले जाने में सक्षम हैं, और ये 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती हैं.

मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (एमडीएल): मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड (एमडीएल) भारत की प्रमुख जहाज निर्माण कंपनी है जो भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करती है. अभी एमडीएल में 8 युद्ध पोत और 5 पनडुब्बियों का निर्माण कार्य चल रहा है. एमडीएल के अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक कमोडोर राकेश आनंद हैं.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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