P17A के पांचवें स्टील्थ फ्रिगेट, तारागिरी को 11 सितंबर 2022 को मुंबई में श्रीमती चारु सिंह, अध्यक्ष एनडब्ल्यूडब्ल्यूए द्वारा लॉन्च किया गया। वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और पश्चिमी नौसेना कमानडर इसमें मुख्य अतिथि थे।
ब्रिटेन की महारानी के निधन के कारण, भारत सरकार द्वारा घोषित राजकीय शोक के कारण, यह कार्यक्रम एक टेकिनकल लॉन्च तक ही सीमित था। वीएडीएम किरण देशमुख युद्धपोत उत्पादन नियंत्रक, भारतीय नौसेना, रक्षा मंत्रालय के अधिग्रहण और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी लॉन्च समारोह में हिस्सा लिया।
क्या हैं स्टेल्थ फ्रिगेट?
फ्रिगेट(Frigate), एक प्रकार का युद्धपोत(Warship) या जंगी जहाज होता है। जबकि स्टील्थ फ्रिगेट में स्टील्थ टेक्नोलॉजी (Stealth Technology) का उपयोग किया जाता है, जिसकी मदद से फ्रिगेट को सोनार(Sonar) इन्फ्रारेड मैथेड्स (Infrared Methods) और रडार(Radar) से बचाया जा सकता है.
भारत के पास कुल मिलाकर 12 फ्रिगेट्स हैं जिसमें शिवालिक क्लास, तलवार क्लास और ब्रह्मपुत्र क्लास हैं. सबसे अत्याधुनिक और भारी 6200 टन वाले शिवालिक क्लास फ्रिगेट हैं. ये ऐसे जंगी जहाज होते हैं जिनका मुख्य कार्य हमला करना ही होता है.
तारागिरी पी17ए की मुख्य विशेषताएं:
- तारागिरी का नाम गढ़वाल में स्थित एक पहाड़ी श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स जहाज पी17 फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) जहाज का एडवांस वर्जन हैं।
- पी17ए जहाज में अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और मंच प्रबंधन प्रणालियों में सुधार किया है।
- तारागिरी और अन्य जहाजों का निर्माण भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है जो राष्ट्र के सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है।
- तारागिरी को बनाने की प्रक्रिया 10 सितंबर 2020 को शुरू हुई थी. भारतीय नौसेना को यह अगस्त 2025 तक सौंपी जाएगी.
- तारागिरी 488.10 फीट लंबा और 58.5 फीट चौड़ा है.
- तारागिरी में चार इंजन होंगे जिसमें दो गैस टरबाइन और दो डीजल है. जो की तारागिरी को पानी में चलने में शक्तिशाली बनायेंगे।
- तारागिरी पी17ए युद्धपोत पर 35 ऑफिसर्स को मिलाकर 150 लोग तैनात हो सकते हैं।
- P17A फ्रिगेट्स के पतवार निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाला स्टील स्वदेशी रूप से विकसित DMR249A है, जो सेल द्वारा निर्मित एक कम कार्बन माइक्रो-अलॉय ग्रेड स्टील है।
प्रोजेक्ट 17A
प्रोजेक्ट 17A की कुल मूल्य लागत लगभग 25,700 करोड़ है। P17A श्रेणी 'उदयगिरी' का दूसरा जहाज इस साल 17 मई को लांच किया गया था और 2024 की दूसरी छमाही के दौरान समुद्री परीक्षण शुरू होने का अनुमान है।
‘प्रोजेक्ट 17A’ को नीलगिरि- Class फ्रिगेट(Nilgiri-class frigate) भी कहते हैं। यह प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक-क्लास फ्रिगेट) का अनुवर्ती है। इस प्रोजेक्ट में इटली की फिनकंटेरी(Fincantieri) प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता वृद्धि हेतु मदद कर रही है।
एक बयान में, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तारागिरी पूर्ववर्ती 'तारागिरी', लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का पुनर्जन्म है, जिसने 16 मई 1980 से 27 जून 2013 तक तीन दशकों में देश के लिए अपनी शानदार सेवा में विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों को सफल बनाया है।
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