भारतीय नौसेना हिंद महासागर में अभी तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है. इस अभ्यास में नौसेना अपने लगभग सभी हथियारों का इस्तेमाल कर रही है. मिल-जुलकर कार्य करने की क्षमता को परखा जा रहा है. भारतीय नौसेना ने इसे थिएटर लेविल ऑपरेशनल रेडीनेस एक्सरसाइज (ट्रोपेक्स) 21 का नाम दिया है.
भारतीय नौसेना जटिल बहु-आयामी परिदृश्य में अपनी आक्रामक तैयारी परखने के लिए हिंद महासागर के विशाल भौगोलिक क्षेत्र में जंगी जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों जैसे सभी संचालनगत परिसंपत्तियों से विशाल युद्धाभ्यास कर रही है.
यह अभ्यास जनवरी में शुरू हुआ
नौसेना के मुताबिक, इस अभ्यास में वह अपने आक्रमण और बचाव, दोनों ही क्षमताओं का आकलन कर रही है. ऐसा हिंद महासागर में स्थिरता कायम रखने के उद्देश्य से किया जा रहा है. यह अभ्यास जनवरी में शुरू हुआ था और फरवरी के तीसरे सप्ताह तक इसके जारी रहने की उम्मीद है. इसमें नौसेना के लगभग सभी युद्धपोत, पनडुब्बियां, लड़ाकू और टोही विमान हिस्सा ले रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग को बाधित करने का प्रयास
अभ्यास में थलसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल की इकाइयां भी सहयोग कर रही हैं. यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब चीन हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ा रहा है और वह इसके जरिये अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग को बाधित करने का प्रयास कर रहा है.
हिंद महासागर में बहुमुखी भूमिका का आकलन
भारतीय नौसेना ने कहा है कि इस अभ्यास के जरिये भारत की हिंद महासागर में बहुमुखी भूमिका का आकलन हो रहा है. ऐसा मौजूदा रणनीतिक वातावरण में जरूरी है. इस अभ्यास में नौसेना की सभी तीन कमान भाग ले रही हैं.
शांतिकाल में नौसेना का सबसे बड़ा अभ्यास
यह शांतिकाल में नौसेना का सबसे बड़ा अभ्यास है. तटीय सुरक्षा को परखने वाले ऑपरेशन का नाम सी विजिल था. यह 12-13 जनवरी को हुआ था. इसके बाद अब बीच समुद्र में अभ्यास हो रहा है. यह युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब चीन अपने आक्रामक सैन्य प्रयासों के तहत हिंद महासागर में लगातार घुस रहा है.
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