भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में भारत का पहला स्मार्ट कोच लॉन्च किया गया. इसमें प्रयोग की गई अत्याधुनिक तकनीक के कारण इसे स्मार्ट कोच कहा जा रहा है. इन डिब्बों का निर्माण रायबरेली स्थित रेल कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है.
स्मार्ट कोच में पैंसेंजर इंफार्मेशन एंड कोच कंप्यूटिंग यूनिट लगाई गई. ये यूनिट डिब्बे की हर तरह की गतिविधि पर नजर रखती है. इन रेलवे कोचों में लाइव सीसीटीवी मॉनिटरिंग सहित कई अन्य सुविधाएं भी दी गई हैं.
स्मार्ट कोच की विशेषताएं
• भारतीय रेलवे द्वारा बनाए गये स्मार्ट कोच में एसी, डिस्क ब्रेक सिस्टम, फायर डिटेक्शन, अलार्म सिस्टम, वॉटर लेवल इंडिकेटर जैसी सुविधाएं दी गई हैं.
• इसके अतिरिक्त इमरजेंसी टॉक बैक सिस्टम भी इनस्टॉल किया गया है.
• कोच के पैसेंजर एक बटन दबाकर सीधे गार्ड से बात कर सकेंगे और आवश्यकता होने पर मदद ले सकेंगे.
• कोच के किसी भी हिस्से में खराबी आने पर सेंसर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना भेज देगा.
• कोच में ब्रेक जाम होना, स्प्रिंग पर अधिक प्रेशर पड़ने से उसका टूट जाना, ट्रैक फ्रैक्चर आदि की जानकारी भी सिस्टम स्वतः जारी कर सकेगा.
• यह कोच ब्रेक घिसने, पहियों की स्थिति, ट्रैक का हेल्थ कार्ड भी बताएगा जिससे खराबी का पहले ही पता चल सकेगा.
• सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ फुटेज कंप्यूटर लगातार एनालाइज करेगा अगर फुटेज में कोई संदिग्ध चेहरा दिखता है तो कंप्यूटर का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसके लिए रेलवे के अधिकारियों को सतर्क कर देगा जिससे रेल यात्रियों की सुरक्षा में काफी मदद मिलेगी.
स्मार्ट कोच के लाभ
स्मार्ट कोच से रेलवे के रखरखाव में पूरी तरह से बदलाव देखा जा सकेगा. इसमें ट्रैक संबंधी दिक्कतें, यात्री सुविधाओं से संबंधित दिक्कतें शामिल हैं. सेंसर द्वारा जानकारी एकत्रित होने से जांच का खर्चा भी कम होगा तथा रेलवे अधिकारी बिना किसी देरी के जानकारी प्राप्त करते रहेंगे. इससे रेल गाड़ी के बारे में रेलवे विभाग पूरी तरीके से अवगत रहेगा और समय रहते तमाम निर्णय लिए जा सकेंगे. सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से भी यह कोच किफायती होंगे.
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