30 जून 2016 को भारत के पहले एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क (डीसीएन) का शुभारंभ हो गया. इसका शुभारंभ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने साउथ ब्लॉक में किया.
तेजी से निर्णय लेने की प्रक्रिया के लिए यह नेटवर्क सेना, वायु सेना, नौ सेना और विशेष बलों के कमांड के बीच परिस्थितिजन्य जागरुकता को साझा करना में सक्षम बनाता है. सैन्य बलों के लिए यह पहला त्रिकोणीय सेवा संचार एवं आईटी नेटवर्क है.
एकीकृत रक्षा संचार नेटवर्क (डीसीएन) की मुख्य विशेषताएं
• रक्षा संचार नेटवर्क रणनीतिक, अत्यधिक सुरक्षित और विश्वसनीय प्रणाली है.
• इसकी पहुंच पूरे देश में है यानि लद्दाख से लेकर उत्तर-पूर्व और द्वीपीय प्रदेशों में भी.
• डीसीएन देश भर में फैले 111 निकायों को कवर करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले ध्वनि, वीडियो और डाटा सेवा की सुविधा प्रदान करता है.
• यह नेटवर्क सुरक्षित प्रणाली पर आधारित तीनों सेवाओं को पर्याप्त अतिरेक के साथ सम्मिलित ध्वनि, डाटा और वीडियो सेवाएं भी प्रदान करता है.
• त्रिकोणीय संचार नेटवर्क तीनों सेवाओँ को सुरक्षित नेटवर्क पर ध्वनि डाटा और वीडियो डाटा की पहुंच को संभव बनाता है.
• यह संचार के सैटेलाइट के साथ–साथ स्थलीय विधा पर काम काम करने में सक्षम है.
• इसे विभिन्न सैन्य वाहनों पर भी लगाया गया है.
• इस नेटवर्क को एचसीएल इंफोसिस्टम्स द्वारा पूरी तरह से भारत में डिजाइन किया और विकसित किया गया है.
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