भारत की सर्वाधिक लंबी रेंज वाली इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5 मिसाइल का 26 दिसम्बर 2016 को ओडिशा के अब्दुल कलाम आईलैंड से सफल परीक्षण किया गया.
पूर्व में जनवरी 2015 में इसका परीक्षण किया गया था, उस समय इसमें मामूली तकनीकी कमियां सामने आई. इन तकनीकी कमियों को ख़त्म करने के बाद मिसाइल का पुन: परीक्षण किया गया है. मिसाइल अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान, चीन और यूरोप समेत आधी दुनिया है.
इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की देखरेख में किया गया. इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5, 6000 किमी रेंज वाली यह मिसाइल एटमी हथियार ले जाने में सक्षम है.
मिसाइल अग्नि-5 के बारे में-
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल अग्नि-5 मीडियम से इंटरकॉन्टिनेंटल रेंज की मिसाइल है.
वैज्ञानिकों के अनुसार अग्नि-5 का नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम उसे विशिष्ट श्रेणी प्रदान करता है.
मिसाइल में आरएलजी (रिंग लेजर गायरोस्पेस) तकनीकी का प्रयोग किया गया है. आरएलजी तकनीकी सटीक निशाना लगाने में सहायता करती है.
अग्नि-5 मिसाइल को तैयार करने में 85% स्वदेशी तकनीक का प्रयोग किया गया है.
मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल एमआईआरवी/ (MIRV) तकनीकी के प्रयोग से यह एक साथ अनेक लक्ष्य को निशाना बना सकेगी.
मिसाइल अग्नि-5 की विशेषताएं-
- मिसाइल अग्नि-5 की मारक क्षमता 5500 से 8000 किमी तक है. मिसाइल 1000 किलो तक वॉरहेड ले जाने में सक्षम है.
- अमेरिका को छोड़कर पूरा एशिया, अफ्रीका और यूरोप इस मिसाइल की मारक क्षमता के दायरे में होगा.
- इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल अग्नि-5 की लम्बाई 17 मीटर और वजन 50 टन है. मिसाइल के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनस्टर तकनीकी का प्रयोग किया गया है.
- कैनस्टर तकनीकी की मदद से मिसाइल को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है.
- सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल आसानी से डिटेक्ट नहीं की जा सकती है.
- अग्नि-5 मिसाइल की तीन श्रेणी हैं. इसका संचालन सॉलिड फ्यूल से किया जाता है.
- इससे कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे. एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा.
3 स्टेज कार्य प्रणाली-
- रॉकेट इंजन इसे 40 किमी की ऊंचाई तक ले जाएगा.
- अग्नि-5 मिसाइल 150 किमी तक जाएगी.
- इस स्टेज में मिसाइल 300 किमी तक जाएगी.
इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल बनाने वाला भारत पांचवां देश बना-
- भारत इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल आइसीबीएम (ICBM) बनाने वाला पांचवा देश है.
- अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास पहले से ये मिसाइलें मौजूद है.
अग्नि श्रेणी मिसाइलों की रेंज-
- अग्नि 1:700 किमी
- अग्नि 2: 2000 किमी
- अग्नि 3 और 4: 3500 किमी
- अग्नि 5: 6000 किमी
एमटीसीआर /(MTCR) में एंट्री के बाद अग्नि-5 का पहला टेस्ट-
भारत को इसी वर्ष 2016 में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) समूह में एंट्री मिली. एंट्री मिलने के बाद अग्नि-5 का भारत में यह पहला टेस्ट है. एमटीसीआर समूह में 35 देश सम्मिलित हैं.
मिसाइल अग्नि पांच को सेना में शामिल करने में अभी और समय लगेगा-
अग्नि-प्रथम (700 किमी), अग्नि-द्वितीय (2,000 किलोमीटर से अधिक) और 3000 किमी तक मार करने वाली अग्नि तृतीय मिसाइल सशस्त्र बलों में पहले से ही शामिल की जा चुकी हैं.
अग्नि-पांच कंचनबाग में तैयार की गयी-
- इंटरकॉन्टीनेंटल एटमी मिसाइल अग्नि-पांच को हैदराबाद के कंचनबाग में डिजाइन किया गया.
- मिसाइल के इस प्रोजेक्ट पर करीब 200 वैज्ञानिकों ने दिन-रात काम किया.
- इन 200 वैज्ञानिकों में से 100 वैज्ञानिक ऐसे थे जिन्होंने अग्नि मिसाइल की पिछली श्रृंखला पर भी काम किया था.
- अग्नि-पांच मिसाइल के अधिकतर कलपुर्जों को कंचनबाग (हैदराबाद) में ही निर्माण किया गया.
- मिसाइल से जुड़े कलपुर्जों की डिजाइनिंग एपीजे अब्दुल मिसाइल कॉम्पलेक्स, एडवांस्ड सिस्टम लाइब्रेरी, डीआरडीएल में तैयार की गई.
- 2012 में अग्नि पांच मिसाइल का पहला परीक्षण किया गया.
- यह परीक्षण डीआरडीओ के पूर्व डीजी वीके सारस्वत के कार्यकाल के दौरान किया गया.
- पूर्व के परीक्षणों की भांति अग्नि-पांच के अलग- अलग हिस्सों को हैदराबाद ओडिशा के ह्वीलर आइलैंड तक ट्रकों में लादकर ले जाया गया.
- ह्वीलर आइलैंड पर ही मिसाइल अग्नि-पांच की असेंबलिंग की गई.

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