भारत की कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता ने 100 गीगावाट का प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिया है. बिजली मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने एक ट्वीट में यह कहा कि, भारतीय बिजली क्षेत्र के इतिहास में यह एक और ऐतिहासिक दिन है.
मंत्री ने यह भी कहा कि, "हमारी स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट्स को छोड़कर) 1,00,000 मेगावाट को पार कर गई है."
उन्होंने आगे यह कहा कि, स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के 100 गीगावाट लक्ष्य को हासिल करने के बाद भारत, वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य हासिल कर चुका है.
महत्त्व
भारत वर्तमान में स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है.
भारत सौर ऊर्जा में पांचवें और स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता के मामले में चौथे स्थान पर है.
भारत की कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता
• केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने यह कहा है कि, जबकि 100 गीगावाट स्थापित किए जा चुके हैं, 50 गीगावाट स्थापना के अधीन है और 27 गीगावाट निविदा के अधीन है.
• मंत्रालय ने यह भी कहा कि, अगर भारत की बड़े जलविद्युत क्षमता को शामिल किया जाता है, तो स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़कर 146 गीगावाट हो जाएगी.
भारत 2022 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता को करेगा दोगुना
• वर्ष, 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की एक पूर्वानुमान रिपोर्ट में यह कहा गया था कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता वर्ष, 2022 तक दोगुनी से अधिक हो जाएगी.
• वर्ष, 2017 में भारत की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता लगभग 58.30 गीगावॉट थी. तब भारत सरकार ने इसे वर्ष, 2022 तक बढ़ाकर 175 गीगावाट करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसमें 100 गीगावाट सौर ऊर्जा और 60 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है.
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट एम्बिशन समिट, 2020 को संबोधित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला था कि, भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता दुनिया में चौथी सबसे बड़ी क्षमता है और यह वर्ष, 2022 में 175 गीगावाट तक पहुंच जाएगी.
• भारत की स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता वर्ष, 2020 में अकेले 2.63 गीगावाट से बढ़कर 36 गीगावाट हो गई थी.
पृष्ठभूमि
भारत गुजरात के खवाड़ा में कच्छ के रण में 4.75 गीगावाट (Gw) का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा पार्क बनाने के लिए तैयार है. इस अक्षय ऊर्जा पार्क का निर्माण नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPC) की सहायक कंपनी NTPC रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड द्वारा किया जाएगा.
NTPC भारत का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी विकसित कर रहा है और तेलंगाना के पेडडापल्ली जिले के रामागुंडम में स्थापित इस थर्मल पावर प्लांट में 100 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता होगी.
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