भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास 16 सितंबर 2018 से उत्तराखंड के अल्मोडा जिले में बसे चौबटिया में शुरू हो गया. यह अभ्यास 29 सितंबर 2018 को समाप्त होगा.
युद्ध अभ्यास—2018 सबसे लंबे चलने वाले संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों में से एक है और भारत तथा अमेरिका के बीच एक प्रमुख दि्वपक्षीय रक्षा सहयोग प्रयास है.
इस युद्ध अभ्यास का उद्धाटन सेना की मध्य कमान मुख्यालय में भव्य तरीके से हुआ. दोनों देशों ने अपने राष्ट्रगान और ध्वज के साथ इसकी शुरूआत की. इसके बाद निकाले गए मार्चपास्ट में अधिकारियों को सलामी दी गई. मार्च पास्ट का नेतृत्व भारतीय सेना के कमांडर कर्नल एसवी चेरियन और अमेरिका सेना के मेजर जनरल विलियम द्वारा किया गया.
यह दोनों देशो के बीच 14 वां संयुक्त सैन्य अभ्यास हैं. संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन दोनो देश बारी-बारी से करते हैं.
पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग में काफी वृद्धि हुई है. इस संयुक्त अभ्यास से दोनो देशो की सेना के मध्य आपसी सहयोग ओर विकसित होगा. इससे पहले वर्ष 2017 में रूस के साथ व्लादिवोस्टोक में युद्ध अभ्यास में भारत की तीनों सेनाओं ने हिस्सा लिया था.
उद्देश्य: |
इस अभ्यास का उद्देशय दोनों देशों की सेनाओं के बीच आतंक विरोधी ऑपरेशन में दक्षता को वृद्धि करना है. इस बार ‘युद्ध अभ्यास’ में बटालियन स्तरीय प्रशिक्षण तथा डिवीज़न स्तरीय कमांड पोस्ट अभ्यास किया जा रहा है. |
'युद्ध अभ्यास 2018' से संबंधित मुख्य तथ्य:
• इस संयुक्त युद्धाभ्यास में अमेरिकी सेना की ओर से प्रथम इन्फैंटी बटालियन, 23 इन्फैंटी रेजिमेन्ट, 2 स्टाइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम, 7 इन्फैंटी डिविजन ने प्रतिनिधित्व किया जबकि भारतीय सेना की ओर से कांगो ब्रिगेड, गरूड़ डिविजन, सूर्या कमान ने प्रतिनिधित्व किया.
• इस युद्धाभ्यास के दौरान जवाबी एवं आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों से निपटने की उनकी कार्यकुशलता तथा तकनीकी कौशल देखने को मिलेगा.
• इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की ओर से निगरानी तथा ट्रेकिंग, उपकरण, आतंकवादियों से निपटने के लिए विशेष हथियारों, विस्फोटक और आईईडी डिटेक्टर्स अथवा नवीनतम संचार उपकरणों का प्रयोग किया जायेगा.
• दोनों देश संयुक्त रूप से किसी प्रकार के खतरों से निपटने के लिए एक सुविकसित कुशल ड्रिल को अमल में लाकर योजनाबद्ध तरीके से प्रशिक्षण लेगें जिसे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए आयोजित ऑपरेशनों में प्रयोग किया जा सके.
• दोनों देशों के सैन्य विशेषज्ञ पारस्परिक लाभ हेतु विविध विषयों पर एक दूसरे के अनुभवों को साझा करने के लिए विचार-विमर्श भी करेगें.
• इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिकी और भारतीय सेना के 350-350 जवान भाग ले रहे हैं.
• अभ्यास के दौरान प्रारंभ में दोनो देशो के सैन्य बल एक दूसरे के संगठनात्मक ढांचे, हथियार, साजो सामान, विश्वास प्रशिक्षण और सुनियोजित अभ्यास से परिचय प्राप्त करेंगे.
• सैन्य अभ्यास में दोनों देशों की सैन्य टुकडिय़ां एक-दूसरे की संगठनात्मक, हथियारों और सैन्य उपकरणों से रूबरू होंगे. वहीं परस्पर रणनीतिक, तकनीकि, कार्रवाई एवं ऑपरेशन से जुड़े अनुभव भी साझा किये जायेगें.
• प्रशिक्षण की समाप्ति दोनो देशो के सैन्य बलो द्वारा काल्पनिक लेकिन सजीव परिस्थिति में संयुक्त रूप से आंतकवाद विरोधी अभियान के आयोजन से होगी.
• भारत और अमेरिका की सेनाओ के पास उग्रवाद और आंतकवाद विरोधी अभियान संचालन का विशाल अनुभव है और विविधतापूर्ण वातावरण में एक दूसरे के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास और सैन्य कार्यक्रम को सांझा करने की बड़ी अहमियत है.
• यह अभ्यास दो लोकतांत्रिक देशो की सेनाओ को एक साथ सैन्य प्रशिक्षण लेने और एक दूसरे के संचालन अनुभव को सांझा करने का बेहतर अवसर प्रदान करेगा.
• खास बात कि दोनों देशों की सेना काउंटर इंसर्जेंसी व काउंटर आतंकवाद आदि ऑपरेशनों की अनुभवी हैं.
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